फिर मिली धमकी, लिखा ‘स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले रिहा करो मुजाहिदों को, नहीं तो बम से उड़ा देंगे राजधानी’
लखनऊ। स्वतंत्रता दिवस के 5 दिन पहले ही उत्तर प्रदेश की राजधानी की तमाम प्रतिष्ठित जगहों को उड़ाने की धमकी मिली है। कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी धमकी दी गई थी। CM के लिए भेजा गया पत्र कुछ पत्रकारों के मोबाइल पर आया था।
हाल ही में जो पत्र अलीगंज नया हनुमान मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर और आरएसएस कार्यालयों को बम से उड़ाने के लिए भेजा गया था, वैसा ही पत्र खदरा स्थित नानक शाही मठ भी पहुंचा है। यहां भी पत्र रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया। सोमवार को मठ के महंत धर्मेंद्र दास को यह पत्र मिला। मठ अखिल भारतीय उदासीन संप्रदाय संगत से सम्बद्ध है। धमकी भरा पत्र मिलते ही महंत ने तत्काल हसनगंज पुलिस को मामले की जानकारी दी।
पहले और बाद में भेजे गए पत्रों की एक ही है भाषा
पूरे मामले की जानकारी देते हुए इंस्पेक्टर हसनगंज यशकांत सिंह ने बताया कि अलीगंज नया हनुमान मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर और नाकक शाही मठ में भेजे गए पत्र की भाषा एक जैसी ही है। फिलहाल पत्र के बारे में जांच की जा रही है। मठ के महंत धर्मेंद्र दास ने बताया कि वह और मठ के महंत मनीषा नंद कई दिनों से बाहर थे। पांच दिन पहले यह पत्र मठ के गो-सेवक विपिन को मिला था। पत्र रजिस्टर्ड डाक से आया है। पत्र में लिखा गया कि जिन मुजाहिदों को आपकी हुकूमत की ईन्तहाई फिरकापरस्त सोच की वजह से गिरफ्तार किया गया है। उन्हें फौरन रिहा कर दिया जाए। हमारी कौम से सब्र का इम्तहान मत लो। इसके अलावा लिखा गया कि शहर के प्रमुख मंदिरों और आरएसएस कार्यालय निशाने पर है।
15 अगस्त से पहले करो रिहा, नहीं तो
15 अगस्त से एक दिन पहले पकड़े गए लोगों की रिहाई के लिए पत्र में कहा गया है। ऐसा न करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी गई। पत्र के लिफाफे में भेजने वाले के नाम जोगिन्दर सिंह और पता खदरा दिया गया। पूर्व में मंदिरों और आरएसएस कार्यालय को मिले धमकी भरे पत्र के मामले में पुलिस ने दिल्ली निवासी शफीक को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उसके पास से पत्र की फोटो कापी भी बरामद की थी। एटीएस और खुफिया विभाग ने भी शफीक से पूछताछ की थी। मिली जानकारी के अनुसार वह धार्मिक कट्टरपंथी था। मदरसों में छिपकर अपना अभियान चला रहा था।
कई महिलाएं और लड़िकयां भी उससे जुड़ी थीं। वह उनका धर्मान्तरण कराने की कोशिश कर रहा था। गिरफ्तारी के शक में उसने मोबाइल का डाटा भी डिलीट कर दिया था। हालांकि उसके मोबाइल को एटीएस ने जांच के लिए मोबाइल फोरेंसिक साइंस लैब में भेजा है। डाटा रिकवर होने पर कई और तथ्यों के बारे में जानकारी मिलने पर पुलिस और ATS आगे की कार्रवाई करेगी। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन में लगी है। प्रदेश भर में एलर्ट जारी कर दिया गया है।
हिंदू महिलाओं के लिए कहे गए अपशब्द
पत्र में हिंदू महिलाओं के लिए अपशब्द कहे गए हैं। बता दें कि बीते एक अगस्त को नया हनुमान मंदिर और मन कामेश्वर को भेजे गए पत्र और मठ में मिले पत्र की भाषा एक जैसी ही है लेकिन दोनों में हस्ताक्षर अलग अलग हैं। इस बिंदु पर भी पुलिस की टीमें जांच पड़ताल कर रही हैं। इंस्पेक्टर ने बताया कि जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
मठ को लेकर चल रहा विवाद
बता दें कि मठ बहुत ही संवेदनशील स्थान है। मठ की जमीन पर कब्जे को लेकर पहले कई बार दो संप्रदायों के बीच विवाद की खबर सामने आ चुकी है। इस लिए मठ की सुरक्षा में उच्चाधिकारियों के आदेश पर एक कंपनी पीएसी पहले से ही लगी हुई है। पीएसी के जवान 24 घंटे यहां ड्यूटी देते हैं। महंत ने बताया कि बीते दिनों कुछ लोगों ने मठ के आस- पास प्रतिबंधित मांस फेंक कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी। इसकी पुलिस को दी गई थी।