Mustard Oil Ban In America: सरसों का तेल खाने के लिए अमेरिका ने लगाया बैन… ये बड़ी वजह आई सामने
Mustard Oil Ban In America: अक्सर हम भारतीय सरसों की तेल की खासियत के बारे में सुनते हैं और खाने से लेकर त्वचा व बालों में लगाने तक को सरसों के तेल को ही अच्छा मानते हैं, लेकिन अमेरिका में सरसों के तेल को खाने के लिए बैन किया हुआ है. अमेरिका का फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने सरसों के तेल पर बैन इरुसिक एसिड (Erucic Acid) की वजह से लगाया है. सरसों के तेल में ये एसिड होता है, इस वजह से इस पर बैन लगाया गया है.
भारत में सरसों का तेल स्किन, बालों और खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही बताया जाता है कि इसमें काफी पोषक तत्व होते हैं, जिस वजह से खाने में सरसों के तेल का ही इस्तेमाल करना चाहिए, लेकिन इसे अमेरिका ही नहीं, बल्कि यूके में भी बैन कर दिया गया है. अमेरिका और यूके में सरसों का तेल बिकता तो है, लेकिन इसे सिर्फ “for external use only” के मार्क के साथ बेचा जाता है. इसका मतलब है कि सरसों के तेल को सिर्फ खाया नहीं जा सकता है, बल्कि स्किन आदि के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी तक इंसानों पर इसकी रिसर्च नहीं की गई है और चूहों पर होने वाले असर को लेकर ये फैसला लिया गया है.
जाने सरसों के तेल का ऐतिहासिक पहलू
सरसों का विकास मानव सभ्यता के साथ हुआ है। पाषाण युग में सरसों को एक महत्वपूर्ण मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। इसके बाद की विभिन्न मानवीय सभ्यताओं में भी सरसों को अलग-अलग तरह से अपने दैनिक जीवन में मनुष्य ने शामिल किया। रोमन सभ्यता में इसे टार्ट सॉस बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। फ्रांसीसी लोगों ग्रे पौपोन डिजॉन बनाकर इसे अपने जीवन में अहमियत दी। एक मसाले के रूप में उनकी प्रतिष्ठा के अलावा, सरसों के बीज में एक अद्वितीय संरचना वाला तेल होता है, जिसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन और खाना पकाने सहित कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
जानें सरसों के तेल के गुण और अवगुण
अगर सरसों के तेल के गुणों की बात करें तो जानकार बताते हैं कि, इसमें कोई दो राय नहीं कि सरसों के तेल में बहुत सारे औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं। यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी खासा मददगार है, लेकिन इसमें मौजूद इरुसिक एसिड की वजह से इसे बहुत से देशों में प्रतिबंधित भी कर दिया गया है। इस बारे में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की एक रिपोर्ट पर गौर करें तो सरसों के तेल में इरुसिक एसिड की मात्रा बहुत ही ज्यादा होती है। यह एक तरह का फैटी एसिड है, जिसे सेहत के लिए ठीक भी नहीं माना जाता। इससे शरीर में वसा का संचय भी बढ़ जाता है। मेटाबॉलिज्म ठीक से नहीं हो पाने के चलते यह दिमाग की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाता है। जहां तक असर को पहचानने की बात आती है, मेमोरी लॉस इनमें से एक विकार है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए अमेरिका और कनाडा के अलावा यूरोपीय देशों ने अपने यहां सरसों के तेल के सेवन पर प्रतिबंध लगा रखा है।