अच्छा हुआ जो नहीं मिली SSB में नौकरी…ट्रेनों में वसूली करने वाला फर्जी सिपाही गिरफ्तार, देखें क्या है पूरा मामला
लखनऊ। वह SSB (सशस्त्र सीमा बल) में नौकरी करना चाहता था, लेकिन अच्छा हुआ कि उसे नौकरी नहीं मिली। क्योंकि जब वह फर्जी एसएसबी सिपाही बनकर वसूली कर लोगों को परेशान कर सकता है, तो हकीकत में उसके पास यह पावर होती तो क्या करता। क्योंकि व्यक्ति का जो नेचर होता है, वो हमेशा एक सा ही रहता है। दरसल पूरा मामला ये है कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की चिनहट पुलिस ने सौरभ कुमार उर्फ गोपाल प्रसाद नाम के युवक को गिरफ्तार किया, जो कि ट्रेनों में सफर के दौरान एसएसबी सिपाही की वर्दी पहनकर व नकली पिस्टल लगाकर चलता था और सफर कर रहे यात्रियों के सामने खुद को एसएसबी सिपाही बता कर रौब गांठता था और वसूली कर उन्हें परेशान करता था। वह मूल रूप से झारखंड के कोडरमा का रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में उसने बताया कि वह एसएसबी सिपाही बनना चाहता था, जब उसकी भर्ती नहीं हुई तो उसने इस तरह से वसूली करना शुरू कर दिया।
दोस्त के घर में भी की चोरी
एसीपी विभूतिखंड अनूप कुमार सिंह ने बताया कि फर्जी सिपाही बने सौरभ के पास से नकली पिस्टल, वर्दी, फर्जी आइकार्ड बरामद किया गया है। उसको चिनहट में रहने वाले उसके दोस्त वीरेंद्र के घर से बैग से रुपये चोरी करने के आरोप में पकड़ा गया है। वीरेंद्र के मुताबिक वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। ट्रेन में सफर के दौरान ही वह सौरभ से मिला था। तब सौरभ ने खुद को एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) का सिपाही बताया था। इसके बाद दोनों में मित्रता हो गई। इस पर वीरेंद्र ने उसे अपने घर लखनऊ बुलाया था। सोमवार को सौरभ लखनऊ आया और वीरेंद्र के घर पर ही रुका था।
वीरेंद्र के घर पर उसके साथी कबीरुल और रंजन कुमार भी रहते हैं। वीरेंद्र के मुताबिक देर रात सौरभ कमरे में रखे बैग से रुपये चुरा रहा था। एकाएक उसकी आंख खुल गई, तो अपने दोस्त सौरभ को चोरी करते देख सकपका गया। इसके बाद तुरंत इसका विरोध किया। इस पर सौरभ धमकी देने लगा। इस बीच वीरेंद्र ने पुलिस को सूचना दे दी। सूचना पर पुलिस पहुंची ने सौरभ को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद उससे पूछताछ शुरू हुई तो पता चला कि सौरभ फर्जी सिपाही है। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
सौरभ बोला नहीं भर्ती हो सका था सिपाही परीक्षा में
एसीपी ने बताया कि सौरभ ने पूछताछ में बताया है कि वह सिपाही बनना चाहता था। उसने सिपाही भर्ती की परीक्षा भी दी थी पर पास नहीं हो सका था। इसके बाद उसने एसएसबी सिपाही की वर्दी खरीद ली और नकली पहचानपत्र व नकली पिस्टल के साथ ट्रेन में सफर करने लगा और यात्रियों से वसूली करने लगा।