Bhai Dooj Katha: भाई दूज पर बहन के घर करें भोजन, जानें ये बड़ी वजह, पढ़ें कथा
Bhai Dooj Katha: कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन भैया दूज (भाई दूज) का त्योहार सनातन धर्म में मनाया जाता है. इस दिन को यम द्वितीया भी कहते हैं। इस बार भाई दूज का त्योहार 15 नवम्बर को मनाया जा रहा है. इस पर्व का प्रमुख लक्ष्य भाई-बहन के पावन सम्बंध तथा प्रेम भाव की स्थापना करना है।
बता दें कि सनातन धर्म अर्थात हिंदू समाज में भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक दो त्योहार मनाए जाते है। एक रक्षाबंधन और दूसरा भाई दूज। इसमें बहन भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती है। इस दिन बहनें बेरी की पूजा की पूजा करती हैं और भाइयों के स्वस्थ्य तथा दीर्घायु होने की मंगलकामना करते हुए उन्हें तिलक लगाती हैं।
बहन के घर पर जरूर करें भोजन
आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि इस दिन भाईयों को बहनों के घर पर भोजन जरूर करना चाहिए। इस दिन बहनों को चाहिए कि भाईयों को चावल जरूर खिलाएं। बहन चचेरी, ममेरी अथवा धर्म की, कोई भी हो सकती है। भाई भोजन करने के बाद बहनों को उपहार देते हैं। बता दें कि इसी दिन सूर्य तनया यमुना जी ने अपने भाई यमराज करो भी भोजन कराया था। इसीलिए इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। इसीलिए इस दिन यमुना जी का विशेष पूजन भी किया जाता है। अगर किसी भाई की बहन न हों तो वो गाय, नदी आदि स्त्रीत्व पदार्थ का ध्यान करके अथवा उसके समीप बैठकर भोजन करनी भी शुभ माना गया है।
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