कुंडा के बाहुबली राजा भईया को टक्कर देने के लिए भाजपा ने उतारा आजमगढ़ की ब्राह्मण बेटी को, जानें खूबियां

January 28, 2022 by No Comments

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लखनऊ। शुक्रवार को भाजपा ने 91 प्रत्याशियों की नई लिस्ट जारी कर दी, जिसमें 9 महिलाओं को भी प्रत्याशी बनाया है। तो वहीं कुंडा की चर्चित सीट पर आजमगढ़ की रहने वाली ब्राह्मण महिला सिंधुजा मिश्रा को उतारा है, जो कि यहां के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया को टक्कर देंगी। इस मौके पर चर्चा का विषय बनीं सिंधुजा ने मीडिया से खुलकर बात की और कहा कि वह आजमगढ़ की रहने वाली हैं, किसी से डरने वाली नहीं हैं।

आजमगढ़ जिले की खत्री टोला की रहने वाली सिंधुजा मिश्रा ने जीजीआईसी व अग्रसेन डिग्री कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की है। शुक्रवार को भाजपा ने जैसे ही उनको प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा से अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया, कि वह चर्चा में आ गईं। क्योंकि यहां उनकी सीधी टक्कर कई बार से विधायक रहे राजा भईया से है। बता दें कि सिंधुजा मिश्रा पहले भी 2012 का विधानसभा चुनाव प्रतापगढ़ जिले की विश्वनाथगंज से पूर्व मंत्री राजाराम पांडेय के खिलाफ लड़ चुकी हैं, लेकिन 5000 हजार वोट से हार का सामना करना पड़ा था। पूर्व मंत्री राजाराम पांडेय के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भी सिंधुजा मिश्रा ने फिर से हाथ आजमाया था, लेकिन उन्हें फिर से हार का सामना करना पड़ा। 2019 के लोकसभा चुनाव के समय सिंधुजा मिश्रा ने भाजपा का दामन थाम लिया और 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उनको कुंडा से प्रत्याशी घोषित कर के उन पर भरोसा जताया है। तो उधर मीडिया से बात करते हुए सिंधुजा मिश्रा ने भी कहा है कि वह किसी से डरने वाली नहीं हैं। लोकतंत्र में कोई बाहुबली नहीं है। हमारी जिनसे लड़ाई है, हम उन्हें जीरो समझते हैं। हमें पूरा भरोसा है कि जनता का पूरा आशीर्वाद मिलेगा और पार्टी का भी भरोसा मुझ पर कायम रहेगा।

मायावती के करीबी रह चुके हैं सिंधुजा के पति
सिंधुजा मिश्रा भाजपा नेता शिव प्रकाश मिश्र सेनानी की पत्नी हैं। बता दें कि शिव प्रकाश मिश्र को बसपा सुप्रीमो मायावती के करीबी के रूप में जाना जाता है। 2007 व 2012 के विधानसभा चुनाव में मायावती ने कुंडा से इनको भी प्रत्याशी बनाया था, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के समय पति-पत्नी दोनों ने ही भाजपा का दामन थाम लिया था।

जानें क्यों हो रही है इस सीट को लेकर चर्चा
बता दें कि प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा सीट साल 1993 से अभेद हुई है। प्रदेश की सरकारों के बदलने का भी असर इस सीट पर नहीं पड़ा। भले ही प्रदेश की सरकार बदल जाए और मुखिया कोई और बन जाए लेकिन कुंडा पर एक छत्रराज राजा भईया का ही रहा है, लेकिन इस बार राजा भईया की सत्ता पर सेंध लगाने के लिए न केवल भाजपा बल्कि सपा ने भी कमर कस ली है। भाजपा ने जहां सिंधुजा के बहाने मतों की सेंधमारी करने की जुगत भिड़ा रही है तो वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने राजा भईया के किसी समय करीबी रहे गुलशन यादव को प्रत्याशी बनाकर उनको घर में ही घेरने की रणनीति बना रही है। ऐसे में राजा भईया को इस सीट पर चुनौती मिलती दिख रही हैं तो वहीं अकेले दम पर अपनी पार्टी जनसत्ता दल की परीक्षा में बेहतर परिणाम देने का दवाब भी उन पर लगातार बना हुआ है। अब देखना ये है कि जनता किसका साथ देती है और किसे निराश करती है।