विवादों में फंसती भाजपा: दो जगहों पर हुआ तिरंगे का अपमान, एक में भाजपा सीधे तौर पर शामिल, देखिए क्या है सजा का प्राविधान

November 27, 2021 by No Comments

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 लखनऊ। विधानसभा चुनाव आने वाले हैं और भाजपा अपनी ही गलतियों से विवादों के घेरे में फंसती नजर आ रही है। ताजा मामला उस समय आया है जब उत्तर प्रदेश के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर पर लिपटे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के ऊपर भाजपा का झंडा रख दिया गया। इसके बाद से ही इसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसे देखते ही आम जनता में भी रोष व्याप्त हो गया है। लोगों का कहना है कि जिस राजनितिक पार्टी को बहुमत देकर देश का बागडोर दे रहे हैं, वही पार्टी देश के तिरंगे का अपमान कर रही है। 

गौरतलब है कि भाजपा ने कुछ तस्वीरें सोमवार को सोशल मीडिया पर शेयर की थी, जिसमें दिवंगत कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटा हुआ दिखाया गया है, लेकिन कुछ देर बाद ही पार्टी का एक कार्यकर्ता भाजपा का झंडा लाकर तिरंगे के ऊपर रख देता है। जिसके सामने न केवल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं, बल्कि भाजपा के वरिष्ठ नेता भी यह नमन कर रहे हैं। किसी को भी तिरंगे के अपमान का ख्याल नहीं आया।

इस दौरान तिरंगे का आधा हिस्सा पार्टी के झंडे से ढका हुआ दिखाई दे रहा है। मीडिया सूत्रों ने दावा किया है कि तिरंगे के ऊपर भाजपा का झंडा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने रखा था। वायरल एक फोटो में भाजपा उत्तर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह भाजपा का झंडा तिरंगे के ऊपर रखने के लिए ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस फोटो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खड़े दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इस मामले में भाजपा चौतरफा घिर गई है।

ट्वीटर से लेकर अन्य सोशल प्लेटफार्मों पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के साथ ही आम जनता भी भाजपा को आड़े हाथों ले रही है। गौरतलब है कि 89 वर्षीय कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद शनिवार की रात निधन हो गया था। उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, वह काफी दिन से वेंटिलेटर पर थे। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी श्रद्धांजलि देने लखनऊ पहुंचे थे। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

एक अन्य जगह जमीन पर पड़ा हुआ दिख रहा है तिरंगा
ट्वीटर पर एक फोटो वायरल हो रही है। इसे समाजवादी पार्टी के ट्वीटर हैंडल से वायरल किया गया है, जिसमें जमीन पर पड़ा हुआ तिरंगा दिखाई दे रहा है। ट्वीट कर ये दावा किया गया है कि मतदाता जागरुकता कार्यक्रम में तिरंगे लगाए गए थे, जिसे जमीन पर ही छोड़कर शिक्षक व अधिकारी चले गए हैं। दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की गई है। 

राष्ट्रीय ध्वज अपमान पर देखें क्या है सजा का प्राविधान
बता दें कि राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम की धारा 2 के मुताबिक कहा गया है कि जो कोई भी सार्वजनिक स्थान या किसी अन्य स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज को सार्वजनिक दृश्य  में जलाता है, विकृत करता है, या नष्ट करता है, रौंदता है या अन्यथा अनादर करता है अथवा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज या भारत के संविधान या उसके किसी भी भाग की अवमानना (चाहे शब्दों द्वारा हो या बोलकर अथवा लिखित में या अन्य कृत्यों द्वारा) करता है, तो उसे कारावास की सजा से दंडित किया जाएगा। इस सजा को तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही जुर्माना या फिर सजा या दोनों ही दी जा सकती है। गौरतलब है कि इस साल की शुरूआत में आंदोलन कर रहे किसानों की रैली के दौरान प्रतिष्ठित लाल किले पर ध्वज के अनादर किया गया था, जिसे इस मौके पर उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है। तत्कालीन समय केंद्र में शासित भाजपा की सरकार ने कहा था कि झंडे का अनादर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

देखिए किसने क्या कहा

इसी के साथ सोशल मीडिया व ट्वीटर पर अन्य राजनीतिक पार्टियों के भी नेताओं ने भी भाजपा के इस रवैये की कड़ी आलोचना की है।