Cancer: अब ब्रेन कैंसर का पता चलेगा मात्र 60 मिनट में! इस रिसर्च ने बढ़ाई उम्मीद

September 5, 2024 by No Comments

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Brain Cancer: कैंसर जैसी घातक बीमारी लगातार लोगों को अपना शिकार बनाती जा रही है. तो दूसरी ओर इससे बचने के लिए चिकित्सक पुख्ता इलाज की तलाश करने में भी जुटे हैं. कुछ मामलों में तो इस बीमारी से ग्रसित लोग सर्वाइव भी कर जाते हैं लेकिन तमाम मामले ऐसे होते हैं जिसमें लोगों की मौत हो जाती है. तो वहीं इसके इलाज के दौरान होने वाली कीमो व रेडियो थेरेपी और भी अधिक परेशानी का सबब बनती है. अगर पहेल स्टेज में इसका पता चल गया तब तो ठीक है लेकिन अगर इसकी गिरफ्त में पूरी तरह से आ गए तो समझो जान लेकर ही ये छोड़ता है.

कैंसर के लक्षण अंग के अनुसार, एक-दूसरे से अलग हो सकते हैं. कुछ हिस्सों के कैंसर को डिटेक्ट करना बहुत मुश्किल होता है. हाल ही में एक ताजा रिसर्च हुआ है, जिसने लोगों के अंदर कुछ उम्मीदें बढ़ाई हैं. इसके जरिए एक ऐसे ब्लड टेस्ट के बारे में पता चला है, जिसकी मदद से 60 मिनट के अंदर ब्रेन कैंसर के बारे में पता लगा लिया जाएगा और फिर कैंसर का निदान भी किया जा सकेगा.

अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ नोट्रे डेम के वैज्ञानिकों ने इस ब्लड टेस्ट को विकसित किया है. इस टेस्ट में केवल 100 माइक्रोलिटर ब्लड की आवश्यकता होती है और यह मस्तिष्क के सबसे आम और घातक ट्यूमर, गलायोब्लास्टोमा, से जुड़े बायोमार्कर को महज एक घंटे में पहचान लेता है. इस नई खोज में वैज्ञानिकों ने ‘लिक्विड बायोप्सी’ पर काम किया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि गलायोब्लास्टोमा एक ऐसा ट्यूमर है जो ब्रेन में अत्यधिक तेजी से बढ़ता है और उपचार में कठिनाई उत्पन्न करता है. गलायोब्लास्टोमा का निदान आसान नहीं होता है, इसमें काफी वक्त लगता है.

विशेषज्ञ कहते हैं कि ब्रेन कैंसर तब होता है जब मस्तिष्क के ऊतकों में कोशिकाओं का असामान्य और अनियंत्रित विकास होता है, जिससे ट्यूमर का निर्माण होता है. ये ट्यूमर ब्रेन की प्रमुख कार्य प्रणालियों को बाधित कर सकते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि ब्रेन कैंसर के सही कारण का पता फिलहाल नहीं हो सका है लेकिन इसके कुछ प्रमुख जोखिम तत्वों में आयोनाइजिंग रेडिएशन, आनुवंशिक प्रवृत्ति, कुछ पर्यावरणीय कारक, और विशेष चिकित्सा स्थितियां शामिल हैं.

ब्रेन कैंसर के ये होते हैं लक्षण
एक्सपर्ट कहते हैं कि ब्रेन कैंसर का लक्षण इसके विकास पर निर्भर करता है. आमतौर पर इसके मरीज को दौरे पड़ना, सिर दर्द, थकान, सोचने में कठिनाई, मीतली आना, नींद की कमी, बात करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.