Navratri Kanya Pujan: दो से 10 साल की कन्याओं को ही नवरात्र में कराएं भोज, मिलता है राजयोग, जानें और क्या हैं लाभ

April 3, 2022 by No Comments

Share News

Navratri Kanya Pujan: हिंदू धर्म ग्रंथों में नवरात्र व्रत का पारण कन्या भोज कराने के बाद ही माना गया है। वृंदावन के आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि चाहे चैत्र हो या शारदीय नवरात्र, इन दिनों प्रथम दिन से लेकर नवमी तक, प्रत्येक दिन 1,3, 5, 7, 9, 11 विषम संख्या में अपनी क्षमता के अनुसार कन्या का पूजन कर भोजना करना चाहिए। इससे कहते हैं कि मां दुर्गा स्वयं ही भोग लगा लेती हैं।

HINDI NEW YEAR WISHES:चैत्र माह में नवसंवत्सर लेकर मातु भवानी है आई…आप सभी को खूब बधाई….एकदम नए बधाई संदेशों के साथ अपनों को भेजें हिंदी नववर्ष की शुभकामना, देखें क्या कहता है ब्रह्मपुराण

अगर हर दिन संभव ना हो तो अष्टमी, नवमी को भी कन्या पूजन कर सकते हैं। कन्या को घर में ही बुलाकर भोजन कराना शास्त्रों में सबसे उत्तम माना गया है। आचार्य बताते हैं कि दो से 10 साल तक ही कन्याओं को ही भोजन कराना चाहिए। इससे बड़ी उम्र की कन्याओं को भोजन कराना नवरात्र में उचित नहीं माना गया है। तो आइए इस लेख में देखते हैं कि किस उम्र की कन्या को भोजना कराने से भक्तों को क्या मिलता है लाभ।

CHAITRA NAVRATRI 2022: मनचाहा जीवन साथी पाने और दाम्पत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए पूरी विधि से करें द्वितीय माता ब्रह्मचारिणी की पूजा, देखें क्या दान करें कन्याओं को, मंत्र व आरती

दो वर्ष की कन्या का पूजन करने के बाद भोजन कराने से घर में दुख और दरिद्रता नहीं आती।

तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति का रूप मानी गई हैं। इनके पूजन से घर में धन-धान्‍य की भरमार रहती है, वहीं परिवार में सुख और समृद्धि जरूर रहती है।

चार साल की कन्या को कल्याणी माना गया है। इनकी पूजा से परिवार का कल्याण होता है।

पांच वर्ष की कन्या को रोहिणी माना गया है। रोहिणी का पूजन करने से व्यक्ति रोगमुक्त रहता है।

छह साल की कन्या को कालिका रूप माना गया है। कालिका रूप से विजय, विद्या और राजयोग मिलता है।

सात साल की कन्या चंडिका होती है। चंडिका रूप को पूजने से घर में ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

आठ वर्ष की कन्याएं शाम्‍भवी कहलाती हैं। इनको पूजने से सभी तरह के विवाद चाहें वह कानूनी ही हो, में विजयी मिलती है।

नौ साल की कन्याएं दुर्गा का रूप होती हैं। इनका पूजन करने से शत्रुओं का नाश हो जाता है और असाध्य कार्य भी पूरे हो जाते हैं।

दस साल की कन्या सुभद्रा कहलाती हैं। सुभद्रा अपने भक्तों के सारे मनोरथ पूरा करती हैं। अगर प्रत्येक दिन न हो सके तो अष्टमी, नवमी को एक साथ हर उम्र की कन्याओं को एक साथ बिठाकर भी पूजा कर भोजन करा सकते हैं। अंत में कन्याओं को दक्षिणा देना न भूलें।

नवरात्र में चांदी की ये सामग्री खरीद कर तिजोरी में रखने से होती है धनवर्षा, जरूर लगाएं तुलसी का पौधा, प्वाइंट्स में देखें नवरात्र से जुड़ीं 6 जरूरी बातों के साथ पूजन सामग्री-पूजन विधि व कलश स्थापना मूहूर्त

CHAITRA NAVRATRI-2022:प्रतिपदा को पूजी जाएंगी मां शैलपुत्री, पान और गुलाब की सात पंखुड़ियों से प्रसन्न होकर मां देंगी ये लाभ, देखें आरती औऱ मंत्र

नोट: यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)

ये खबरें भी पढ़ें-

LU: लखनऊ विश्वविद्यालय ने शुरू की स्नातक 2022-23 की ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया, 31 मई है अंतिम तारीख, इन 8 बिंदुओं के देखने के बाद ही भरें फार्म, जाने क्या दिए गए सुझाव व हेल्पलाइन नम्बर

CHAITRA NAVRATRI-2022:नवरात्र कल से, राशि के अनुसार फूलों को अर्पित कर, मां भगवती को करें प्रसन्न, शनि की छाया से मुक्ति पाने के लिए चढ़ाएं इस रंग का फूल

दो साल बाद शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा की तारीख घोषित, रक्षाबंधन को समाप्त होगी यात्रा, जानें कितनी तारीख से भक्तों को हो सकेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन

KMCLU:पुलिस-प्रशासन की उपस्थिति में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के 3 छात्रों पर की गई कड़ी कार्रवाई, दी गई ये बड़ी सजा, जानें वजह