Citizenship Amendment Act: क्या CAA लागू होने के बाद सबको दिखाने होंगे कागज? जान लें अभी से, भाजपा ने पाकिस्तानी शरणार्थियों को दिया ये भरोसा, देखें वीडियो
Citizenship Amendment Act: देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को मोदी सरकार ने पूरे देश में लागू कर दिया है. इसी के साथ ही देश भर में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा सरकार के इस फैसले को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बता दें कि ये वही कानून है, जिसे लेकर कुछ साल पहले देश भर में तमाम प्रदर्शन हुए थे और दिल्ली में महीनों धरना प्रदर्शन चला था. इन प्रदर्शनों में एक नारा खूब चला था, जिसमें लोग कह रहे थे कि कागज नहीं दिखाएंगे. तो वहीं अब जब नागरिकता कानून लागू ही हो गया है तो कागज वाली बात फिर से सामने आ रही है. इसीलिए इस लेख में आज हम आपको बता रहे हैं कि नागरिकता कानून लागू होने के बाद आपको कौन-कौन से कागज दिखाने होंगे? तो इसी बीच दिल्ली से भाजपा के सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली में रहने वाले पाकिस्तानी शरणार्थियों को मकान देने का आश्वासन दिया है.
जानें किनको मिलेगी देश की नागरिकता?
इस लेख के जरिए आइए सबसे पहले ये जानते है कि आखिर CAA को क्यों लाया गया है और इसे लेकर विवाद क्यों हो रहा है. बता दें कि इसके नाम से जाहिर है कि इसे नागरिकता देने के लिए लाया गया है. हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. ऐसे ही तमाम शरणार्थियों के लिए नागरिकता कानून लाया गया है, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे. ऐसे ही लोगों को नागरिकता दी जाएगी. इसके लिए वो लोग आवेदन कर सकते हैं जो भारत में पांच साल से अधिक समय से रह रहे हैं.
जानें क्यों मचा है विवाद?
फिलहाल इसको लेकर आखिर विरोध क्यों हो रहा है, ये सवाल हर किसी के दिमाग में कौंध रहा है, तो बता दें कि, सीएए के तहत मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान नहीं रखा गया है, यही विवाद इस कानून की असली जड़ है. इस कानून का विरोध करने वालों का कहना है कि, भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में किसी एक समुदाय को छोड़ने वाला कानून नहीं लाया जाना चाहिए. हालांकि मुस्लिम समुदाय के लोग भारत में शरण लेने के 11 साल बाद नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं.
जानें क्या सभी को दिखाने होंगे कागज?
फिलहाल इस कानून को लेकर सभी के मन में एक सवाल ये भी है कि, क्या सभी को कागज दिखाने होंगे…तो इसका जवाब ये है कि भारत में रहने वाले लोगों पर इस कानून का कोई भी असर नहीं पड़ेगा. ये कानून सिर्फ उन लोगों के लिए है, जो दूसरे देशों से भारत आए हैं और नागरिकता की गुहार लगा रहे हैं. बता दें कि, भारत में रहने वाले लोगों को संविधान के तहत नागरिकता का अधिकार है.
NRC भी ला रही सरकार
तो वहीं इस कानून से जुड़े कागज दिखाने वालों का तर्क है कि, सीएए के साथ ही नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) को भी सरकार की ओर से लाया जाएगा, जिसमें उन लोगों को परेशानी होगी जिनके पास उचित दस्तावेज नहीं होंगे. इसी के साथ ही विरोध करने वाले इस बात को लेकर दावा कर रहे हैं कि, सरकार जो दस्तावेज मांग रही है, वो सभी लोगों के पास उपलब्ध नहीं होंगे. ऐसे में लाखों लोगों पर नागरिकता खोने का खतरा मंडराने लगेगा. इसके लिए विरोध करने वाले असम में हुए एनआरसी का तर्क देते हैं और बताते हैं कि, इसमें करीब 19 लाख लोगों के नाम लिस्ट से बाहर मिले थे.
ओवैसी ने कही ये बात