COVID-19: बच्चों के लिए रामबाण बना आयुर्वेद का डोज ‘स्वर्णप्राशन’, देखें किन-किन जड़ी-बूटियों से मिलकर बना है ये
लखनऊ/कानपुर। बढ़ते कोरोना संकट और तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों को आयुर्वेद का डोज ‘स्वर्णप्राशन’ लगातार दिया जा रहा है। इस मुहीम ने अब एक नई गति ले ली है। दरअसल एकेटीयू लखनऊ से शुरू हुआ यह अभियान अब कानपुर पहुंच चुका है। आने वाले पुष्य नक्षत्र (4 सितम्बर) के अवसर पर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJM) कानपुर में भी स्वर्णप्राशन का सेवन कराया जाएगा। ताकि उनका शरीर कोरोना महामारी से लड़ने के लिए तैयार हो सके।
गौरतलब है कि यह अभियान Aktu (डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि) लखनऊ कैम्पस एवं आरोग्य, 106 चंद्रनगर, लालबंगला से शुरू हुआ था, जो कि अब कानपुर पहुंच चुका है। यहां पर यह अभियान विशाल रूप से चलाया जा रहा है। कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए ‘नीमा’ कानपुर चैप्टर के साथ से ‘स्वर्णप्राशन मुहिम’ को संचालित किया जा रहा है। Aktu से शुरू हुई इस मुहिम को कानपुर में भी सफलता पूर्वक संचालित किया जा रहा है। वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. वंदना पाठक ने पुष्य नक्षत्र के शुभ योग के अवसर पर इस मुहिम की शुरुआत कानपुर में की गई।
डॉ वंदना ने बताया कि सोलह संस्कारों में से एक संस्कार स्वर्णप्राशन संस्कार भी है। स्वर्णप्राशन से बच्चों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। उन्होंने बताया कि स्वर्णप्राशन एक प्रकार से ऐसी वैक्सीन का काम करता है, जो मात्र एक बीमारी से नहीं, अपितु विभिन्न रोगों से हमारे बच्चों की रक्षा करता है। रविवार को आरोग्य क्लिनिक में 119 बच्चों को एक-एक कर स्वर्णप्राशन का सेवन कराया गया। इसी के साथ बच्चों को स्वास्थ्यवर्धक भोजन भी दिया गया व माता-पिता को भी इसकी जानकारी दी गई।
इस मौके माता-पिता की काउंसिलिंग भी की गई। ताकि कोरोना काल में बच्चों को कैसे बचाया जा सके। डा. वंदना पाठक ने बताया कि आने वाले पुष्य नक्षत्र में CSJM कानपुर में भी इसका आयोजन किया जाएगा। साथ ही इस मौके पर माता-पिता व बच्चों को स्वास्थ्य रहने के उपाए बताए जाएंगे। बता दें कि डा. वंदना अनेक नि:संतान दम्पत्ति को भी लाभ पहुंचा चुकी हैं।
इन जड़ी-बूटियों से मिलकर बना है स्वर्णप्राशन
स्वर्णप्राशन को स्वर्णभस्म, वचा, गिलोय, ब्राह्मी घृत, गौघृत, मधु आदि द्रव्य को मिलाकर कई घंटों के मर्दन के पश्चात तैयार किया गया है। आयुर्वेद में इसका विस्तृत वर्णन किया गया है। बता दें कि डॉ. वंदना NIMA उत्तर प्रदेश के महिला मंच की समन्वयक है। साथ ही अनेक औषधि पोधो का रोपण कर लोगों को आयुर्वेद व औषधि के बारे में जानकारी देने में जुटी हैं।