Diwali Katha: दीवाली पर जरूर पढ़ें ये दो कथा, जानें कैसे प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी, करें ये सरल उपाय
Diwali Katha: कार्तिक मास की अमावस्या को लक्ष्मी जी की पूजा आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि ब्रह्मपुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या की अर्धरात्रि में माता लक्ष्मी खुद ही धरती पर आती हैं और प्रत्येक सद्गृहस्थ के घर पर वितरण करती हैं। जो घर साफ व सुंदर तरीके से प्रकाश से सजा होता है वहां अंश रूप में ठहर जाती हैं और गंदे स्थानों की तरफ देखती भी नहीं हैं।
मान्यता है कि दीपावली मनाने से सद्गृहस्थों के घर पर लक्ष्मी जी स्थायी रूप से निवास करती हैं। वास्तव में धनतेरस, नरक चतुर्दशी और महालक्ष्मी पूजन, इन तीनों पर्वों का मिश्रण ही दीपावली है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर व रावण आदि राक्षसों का वध करके अयोध्या लौटे थे। इसीलिए दीपोत्सव मनाया जाता है। इस दिन उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दीपों का खास आयोजन किया जाता है। दीपावली को लेकर दो कथाएं प्रचलित हैं. कहते हैं कि दीपावली के दिन इन दोनों कथाओं को एक बार अवश्य सुनना चाहिए.
यहां पढ़ें दीवाली की पहली कथा


पढ़ें दीवाली की दूसरी कथा


