Sakat Chauth: सकट चौथ पर बिना नमक का करें भोजन, इन 11 बातों का रखें ध्यान, पढ़ें ये 6 मंत्र, गणपति हरेंगे सारे कष्ट, पढ़ें कथा

January 28, 2024 by No Comments

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Sakat Chauth: माघ कृष्ण चतुर्थी को हिंदू धर्म के लोग सकट चौथ मनाते हैं और महिलाएं इस दिन अपनी संतान के लिए व्रत रखती हैं. मान्यता है कि सकट चौथ पर भगवान गणेश जी की पूजा करने और व्रत रखने से संतान को लंबी आयु प्राप्त होती है। साथ ही संतान पर आने वाली किसी भी तरह की बाधा भी कट जाती है और शिक्षा, सेहत व करियर आदि की समस्याएं भी इस व्रत से दूर हो जाती हैं। यह पर्व माताएं अपनी परम्परा के साथ भी मना सकती हैं।

कष्ट निवारण के ये करें उपाय
आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि सकट चौथ के दिन को तमाम कष्टों को हरने वाला माना गया है. इस दिन व्रत, पूजा-पाठ करने से तमाम समस्याएं खत्म हो जाती हैं. जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, जो कि मिटती नहीं हैं।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या। ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन प्रातः छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें और कहें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों। इस दिन पूजा के बाद शाम को तमाम जगह पर परम्परा है खाना खा लेने की. लेकिन माना जाता है कि इस दिन शाम तो बिना नमक के भोजन करना अति उत्तम रहता है.

सकट चौथ पर करें ये काम
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
व्रती महिलाओं को लाल या पीले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए।
स्नान के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें।
भगवान गणेश के साथ मां लक्ष्मी की भी मूर्ति रखें।
इसके बाद भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
सबसे पहले गणेश जी और मां लक्ष्मी को रोली और अक्षत लगाएं।
उसके बाद फूल दूर्वा, मोदक भगवान गणेश को चढ़ाएं।
सकट चौथ पर तिल का विशेष महत्व है। इसलिए भगवान गणेश को तिल के लड्डुओं का भोग अवश्य लगाएं।
इसके बाद “ऊं गं गणपतये नम:” मंत्र का जाप करें।
अंत में सकट चौथ व्रत की कथा सुनें और आरती करें।
रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर सकट चौथ व्रत का पारण करें।

देखें छः मंत्र
ॐ सुमुखाय नम:
ॐ दुर्मुखाय नम:
ॐ मोदाय नम:
ॐ प्रमोदाय नम:
ॐ अविघ्नाय नम:
ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:

यहां पढ़ें कथा

DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)