Hanuman Jayanti: हनुमान जयंती पर करें ये आसान से उपाय, मिलेगी शनि की महादशा से मुक्ति

April 21, 2024 by No Comments

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Hanuman Jayanti: प्रत्येक वर्ष चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस दिन मां अंजनी के पुत्र हनुमानजी का जन्म हुआ था. इसीलिए इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाते हैं. शनि दोष से मुक्ति के लिए हनुमान जयंती का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. शास्त्रों में बताया गया है कि हनुमानजी की पूजा करने वालों को शनिदेव परेशान नहीं करते. हनुमान भक्त शनि की महादशा के अशुभ प्रभाव से भी बचे रहते हैं. अगर आप शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैय्या या शनि दोष से परेशान हैं तो हनुमान जयंती के दिन कुछ आसान से उपाय करके इस महादशा से बच सकते हैं.

आचार्य पं. रवि शास्त्री बताते हैं कि शनि की महादशा से मुक्ति के लिए हनुमान जयंती के दिन व्रत रखें और लाल कपड़े पहनकर हनुमान मंदिर में जाएं. इसके बाद बजरंगबली के सामने कुश के आसन पर बैठे और चमेली के तेल का दीपक जलाएं. फिर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है और हनुमानजी हर विपदा को हर लेते हैं.

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हनुमान जी

अजमाएं ये भी उपाय
हनुमान जयंती के दिन हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल मिलाकर चोला अर्पित करें. इसके अलावा पीपल के आठ पत्तों को धागे में पिरो लें और उन पर सिंदूर से राम-राम लिखें फिर हनुमानजी की मूर्ति पर चढ़ा दें .ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है और हनुमानजी की कृपा से सभी संकट दूर रहते हैं.

हनुमान जयंती के दिन व्रत रखें और मंदिर में जाकर बूंदी व चने का भोग लगाएं और सुंदरकांड या हनुमान बाहुक का पाठ करें. फिर प्रसाद को सभी जगह बांट दें ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और शनि दोष से जुड़ी परेशानियों को भी दूर रखते हैं. साथ ही आरोग्य की भी प्राप्ति होती है.

इस दिन एक पानी वाला नारियल हनुमान मंदिर लेकर जाएं और बजरंगबली के सामने ही अपने सिर से लेकर पैर तक सात बार उतारे और फिर उसे वहीं तोड़ दें. इसके बाद घी का दीपक जलाकर ‘ॐ हं हनुमते नमः इस मंत्र का 108 बार जप करें ऐसा करने से हनुमानजी का आशीर्वाद मिलता है और शनि की महादशा का अशुभ प्रभाव भी कम हो जाता है.

hanuman ji
hanuman ji (फोटो-सोशल मीडिया)

हनुमान जयंती पर हनुमानजी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें दो लौंग रख दें. इसके बाद दीपक से हनुमानजी की आरती उतारें और हनुमानाष्टक का पाठ करें. इसी के साथ ही गुलाब की माला, लाल फूल, लाल चंदन आदि चीजें अर्पित करें. ऐसा करने से हनुमानजी की कृपा बनी रहेगी और शनि की साढ़ेसाती और अशुभ छाया से मुक्ति मिलती है.

DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। किसी भी धार्मिक कार्य को करते वक्त मन को एकाग्र अवश्य रखें। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)