Hartalika Teej: तीजा के दिन करें ये 15 विशेष उपाय…घर में सदा रहेगा लक्ष्मी-सरस्वती का वास

September 5, 2024 by No Comments

Share News

Hartalika Teej: भाद्रपद मास शुक्ल की तृतीया को सनातन यानी हिंदू धर्म में हरतालिका तीज (तीजा) व्रत का त्योहार मनाया जाता है. यह व्रत सभी व्रतों में सबसे बड़ा माना जाता है. इस व्रत में व्रत रखने वालों को 24 घंटे से अधिक समय तक बिना पानी पिए ही व्रत रखना होता है. इसे गौरी तृतीया व्रत भी कहते है।

आचार्य पीएन पांडेय व सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि भगवान शिव और पार्वती को यह व्रत समर्पित है। यह व्रत महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु के लिए किया जाता है. कुवांरी लड़कियां मन पसंद वर पाने के लिए भी यह व्रत रखती हैं. विवाहित महिलाओं का अखंड सौभाग्य होता है. इस दिन भगवान शिव, माता गौरी एवम गणेश जी की पूजा का महत्व हैं। यह व्रत निराहार यानी निर्जला मतलब बिना पानी पिए ही रहा जाता है.

हर‍तालिका व्रत पर करें ये विशेष उपाय

हरतालिका व्रत के दिन शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को चमेली के फूल चढ़ाने से वाहन सुख मिलता है। अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।

शिवपुराण के अनुसार लाल व सफेद आंकड़े के फूल से शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।

देवी भागवत के मुताबिक माता पार्वती का अभिषेक आम अथवा गन्ने के रस से किया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती ऐसे भक्त का घर छोड़कर कभी नहीं जातीं। वहां नित्य ही संपत्ति और विद्या का वास रहता है।

माता पार्वती का अभिषेक दूध से किया जाए तो व्यक्ति सभी प्रकार की सुख-समृद्धि का स्वामी बनता है।

माता पार्वती को शक्कर का भोग लगाकर उसका दान करने से भक्त को दीर्घायु प्राप्त होती है। दूध चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है। मालपूआ चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार की समस्याएं स्वत: ही समाप्त हो जाती है।

भगवान शिव पर ईख (गन्ना) के रस की धारा चढ़ाई जाए तो सभी आनन्दों की प्राप्ति होती है। शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।

माता पार्वती को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा वह निरोगी होता है।

जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है। कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नवीन वस्त्रों की प्राप्ति होती है। हरसिंगार के पुष्पों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।

देवी भागवत के अनुसार माता पार्वती को नारियल का भोग लगाकर उसका दान करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। माता को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाकर गरीबों को दान करने से लोक-परलोक में आनंद व वैभव मिलता है।

भगवान शिव की शमी पत्रों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है। बेला के फूल से पूजन करने पर शुभ लक्षणों से युक्त पत्नी मिलती है। धतूरे के पुष्प के पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है। लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।

देवी भागवत के अनुसार वेद पाठ के साथ यदि कर्पूर, अगरु (सुगंधित वनस्पति), केसर, कस्तूरी व कमल के जल से माता पार्वती का अभिषेक करने से सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है तथा साधक को थोड़े प्रयासों से ही सफलता मिलती है।

भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है। तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।

शिवपुराण के अनुसार जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है। भगवान शिव को गेंहू चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।

देवी भागवत के अनुसार माता पार्वती को केले का भोग लगाकर दान करने से परिवार में सुख-शांति रहती है। शहद का भोग लगाकर दान करने से साधक को धन प्राप्ति के योग बनते हैं। गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाकर दान करने से दरिद्रता का नाश होता है।

द्राक्षा (दाख) के रस से यदि माता पार्वती का अभिषेक किया जाए तो भक्तों पर देवी की कृपा बनी रहती है।

DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)