LUCKNOW:”नारी” की “यारी” से खिले तेजाब से झुलसे चेहरे, लॉकडाउन से शुरू हुआ सफर अनवरत है जारी, देखें वीडियो
लखनऊ। बड़ी प्यारी है नारी की यारी, हर दुख और हर तकलीफ पर है भारी…यह कहना है डॉ. अम्बेडकर उद्यान के सामने गोमती नगर स्थित शीरोज कैफे (Sheroes Caffe ) की एसिड अटैक सर्वाइवर (Acid Attack Survivors) का। दरअसल नारी यारी (Naari yaari) महिलाओं का एक सामाजिक संगठन है, जो कि लॉकडाउन से लेकर अभी तक लखनऊ के शीरोज कैफे की एसिड अटैक सर्वाइवर की मदद कर रहा है।
इस संगठन की कोशिश रहती है कि किसी न किसी तरह से तेजाब से झुलसे इन चेहरों पर खुशी लाई जा सके। इसी क्रम में शनिवार (11 जून 2022) को भी एक शाम शीरोज के नाम कार्यक्रम का आयोजन कर केक काटकर खुशियां बांटी गईं। इस मौके पर नारी यारी ने यहां कुछ पल एसिड अटैक सर्वाइवर के साथ बिताए और यादगार पलों को कैमरे में कैद किया। इस मौके पर सर्वाइवर्स को गिफ्ट भी वितरित किए, जिन्हें पाकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बता दें कि नारीयारी संगठन महिलाओं का एक सोशल मीडिया नेटवर्क है, जिसे डॉ शिल्पी अरोड़ा द्वारा शुरू किए गया था। इसके बाद एक के बाद एक देश भर की कई महिलाएं इस संगठन से जुड़ गईं और जरूरतमंदों की मदद करने लगीं।
यह संगठन लॉकडाउन के उस दौर में सामने आया था, जब जरूरतमंद लोग परेशान थे और उनके हाथ से नौकरियां भी छूट गई थीं। तो वहीं शीरोज कैफे भी आर्थिक रूप से संकट झेल रहा था, क्योंकि सभी कैफे, बाजार आदि बंद हो चुके थे। कोरोना महामारी के कारण 2020 में लगाए गए पूर्ण लॉकडाउन में एसिड अटैक सर्वाइवर परेशानियों के दौर से गुजर रहा था, तब नारीयारी संगठन ने आर्थिक मदद का हाथ बढ़ाया था। तब से लेकर अभी तक यह संगठन कार्य कर रहा है। नारीयारी का लखनऊ चैप्टर शीरोज लखनऊ में एसिड अटैक सर्वाइवर्स के बीच कुछ मुस्कान, चीयर्स और आशा बांटने का कार्य कर रहा है। इसी के साथ संगठन की महिलाएं लोगों को इस सम्बंध में जागरूक भी कर रही है कि लोग इनकी मदद को आगे आएं। कार्यक्रम में डॉ. कल्पना सिंह, नीतू मऊ शाह, राधिका रॉय बनर्जी, तनुल सिंह शामिल रहीं। इसी के साथ कैफे की सभी एसिड अटैक सर्वाइवर भी मौजूद रहीं।
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