Nagpanchami: जानें नाग पंचमी पर किसान क्यों नहीं चलाते हैं खेतों में हल कनेक्शन; पढ़ें ये रोचक कथा

November 27, 2021 by No Comments

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Nagpanchami: ये तो सभी जानते हैं कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है, लेकिन ये बात शायद ही लोग जानते हों कि इस दिन किसान खेतों में हल नहीं चलाते और न ही साग काटते हैं। दरअसल धार्मिक पुस्तकों में इस दिन को लेकर एक कथा प्रचलित है, जिसमें इस दिन हल चलाना मना किया गया है ताकि गलती से भी किसी सांप की मृत्यु न हो जाए। इस सम्बंध में धार्मिक पुस्तकों में एक कथा प्रचलित है। हालांकि इस कथा का कोई साक्ष्य नहीं है। यह कथा मात्र मान्यताओं और परम्पराओं के आधार पर लिखी गई। यह मात्र शिक्षा देने के लिए लिखी गई कि अनजाने में भी हम लोगों से किसी भी जीव (खासकर सांप) की हत्या नहीं होनी चाहिए।

 महाभारत में भी नागों की पूजा का किया गया है जिक्र
प्रत्येक वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नागों की पूजा करने का विधान धर्म ग्रंथों में बताया गया है। बता दें कि हिंदू धर्म में नागों को भी देवता माना गया है। महाभारत आदि ग्रंथों में भी नागों की उत्पत्ति और पूजा के बारे में बताया गया है। इनमें शेषनाग, वासुकि, तक्षक आदि की पूजा प्रमुख रूप से की जाती है। नागपंचमी पर इन्हीं नागों को घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ गाय के गोबर से बनाकर गोदुग्ध व धान के लावा से पूजा करते हैं और पूरे घर को उसी गोबर से चारो तरफ से घेर देते हैं। इस दिन नागों को दूध पिलाने की भी परम्परा है। बूढ़े-बुजुर्ग बताते हैं कि हालांकि वैज्ञानिक दृष्टि से सांप दूध नहीं पीते लेकिन हिंदू धर्म ग्रंथों में ये परपम्परा इसलिए प्रचलित की गई कि लोग सांपों व अन्य जीव-जंतु की हत्या न करें, बल्कि उनकी पूजा करें।

ये प्रचलित है कथा
धार्मिक पुस्तकों में नाग पंचमी को लेकर एक कथा प्रचलित है। मान्यता है कि बहुत समय पहले किसी कस्बे में एक किसान निवास करता था। साथ ही में उसका परिवार भी रहता था। दो बेटे और एक बेटी सहित उसके तीन बच्चे थे। एक दिन जब वह खेत में हल चला रहा था, तभी उसके हल के नीचे फंसकर सांप के तीन बच्चों का मृत्यु हो गई। इस पर नागिन रोने लगी और उसने किसान से बदला लेने का निश्चय कर लिया। एक रात जब किसान अपने बच्चों के साथ सो रहा था। तभी नागिन ने किसान, उसकी पत्नी और उसके दोनों बेटों को डस लिया। दूसरे दिन जब नागिन किसान की बेटी को डसने पहुंची , तो कन्या ने डर कर उसके आगे दूध का कटोरा रखा दिया और हाथ जोड़कर क्षमा मांगने लगी। जिस दिन उसने यह किया उस दिन नाग पंचमी थी। इस पर नागिन ने खुश होकर कन्या से कुछ मांगने को कहा। इस पर कन्या ने अपने मृत माता-पिता और भाईयों को फिर से जीवित करने के लिए कहा। इसी के साथ यह भी कहा कि नाग पंचमी के दिन जो भी नागों की पूरा करें, उनको कभी सांप न काटे। इस पर नागिन ने कन्या के वचनों को मानते हुए उसके परिवार को जीवित कर दिया। तभी से नाग पंचमी को हल चलाना और साग काटना निषिद्ध कर दिया गया।