Parliament Security Breach: उछल-कूद के लगाई संसद की सुरक्षा में सेंध…सांसदों में मचा हड़कम्प, हमलावरों ने लगाए ‘जय भीम’ के नारे, पुलिस की लापरवाही या इंटेलिजेंस चूक? कहां गायब हो गई सादे कपड़ों वाली टीम, अब लिया गया ये फैसला, देखें Video

December 13, 2023 by No Comments

Share News

Parliament Security Breach: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के भीतर हुई घटना के बाद पूरे देश में सुरक्षा पर एक बार फिर से सवाल खड़ा हो गया है. घटना के बाद केंद्रीय गृह सचिव, आईबी, रॉ, दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और स्पेशल सैल के शीर्ष अफसर मौके पर पहुंच गए हैं और घटना की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है. तो वहीं फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंच चुकी हैं. फिलहाल इस घटना को लेकर अब पुलिस की लापरवाही या इंटेलिजेंस चूक, इस पर रार मच गई है.

मालूम हो कि आज यानी 13 दिसंबर को भारतीय संसद में दो लोग घुस गए, जिससे संसद भवन में जारी चर्चा के बीच भगदड़ मच गई. हमलावरो ने सांसदों पर हमला करने की कोशिश की जिसके चलते संसद की कार्यवाही प्रभावित हुई और संसद को 2:00 बजे तक स्थगित करना पड़ा. दो शख्स जब दर्शक दीर्घा वाली गैलरी से कूदे तो इसके बाद सदन में धुआं उठा. उन लोगों ने कलर गैस स्प्रे कर दी. अफरा-तफरी मची और सुरक्षाकर्मियों ने दोनों लोगों को पकड़ लिया. सांसदों ने बताया कि सबसे पहले खुद सांसदों ने दोनों लोगों को पकड़ा इसके बाद उन्हें सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारी महिला नीलम (42) पुत्री कौर सिंह रेड स्क्वेयर मार्केट, हिसार की रहने वाली है। वहीं, युवक अमोल शिंदे (25) पुत्र धनराज शिंदे महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। इस दौरान हमलावर भारत माता की जय, जय भीम, तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लगा रहे थे.

सपा सांसद राम गोपाल यादव ने नई संसद भवन पर खड़े किए सवाल
तो वहीं संसद में इस तरह लोगों का घुसना संसद की सुरक्षा में एक बड़ी चूक माना जा रहा है. इतनी सुरक्षा के चाकचौबंध होते हुए भी आखिर कैसे घुस गए संसद में दो लोग. क्या आम आदमी संसद में घुस सकता है. फिलहाल सुरक्षा बल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस मामले की जांच के बाद पता चलेगा कि असल कोताही किसकी है। अगर कोई व्यक्ति कैप्सूल लेकर संसद में घुसा है तो उस दौरान गेटों पर कौन से सुरक्षा कर्मी मौजूद थे। सपा के सांसद राम गोपाल यादव ने एक बड़ा खुलासा किया है। उनका कहना था कि पहले सदन के बाहर, भीतर और गैलरी के अलावा संसद के चप्पे चप्पे पर सादे कपड़ों में जवान मौजूद रहते थे। उनकी नजर सभी पर रहती थी। अब वह टीम गायब हो गई है। बतौर राम गोपाल यादव, सादे कपड़ों में इंटेलिजेंस के आदमी होते थे। अब वे लोग कहीं दिखाई नहीं पड़ रहे। नए संसद भवन को तो और भी अधिक सुरक्षित बताया गया था।

पीडीजी होता है सुरक्षा के लिए जिम्मेदार
बता दें कि संसद की सुरक्षा के लिए कई बलों को तैनात किया गया है। हालांकि, मुख्य तौर पर आईबी, ‘पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप’ (पीडीजी) और दिल्ली पुलिस तैनात रहती है। आईटीबीपी व दूसरे बलों के जवान भी आते जाते रहते हैं। पीडीजी में सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान रहते हैं। संसद भवन की ओवरआल सुरक्षा के लिए पीडीजी जिम्मेदार होता है।

दिल्ली पुलिस करती है प्रवेश मार्गों पर जांच
मिली जानकारी के मुताबिक, संसद भवन के प्रवेश मार्गों पर आगुंतकों की जांच के लिए दिल्ली पुलिस तैनात रहती है। स्केनर ड्यूटी पर भी दिल्ली पुलिस के जवान रहते हैं। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि संसद भवन के भीतर सादे कपड़ों वाली टीम को दोबारा से तैनात किया जा सकता है।

अब बढ़ाई जाएगी जांच
इस घटना को लेकर एक अधिकारी ने दावा किया है कि इंटेलिजेंस की टीम वहां पर रहती है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि अब पास जारी करने के लिए जो नए नियम तैयार किए जा रहे हैं, उसमें आगुंतकों की जांच बढ़ाई जाएगी। ऐसे उपकरण या स्कैनर, लिए जा सकते हैं, जिनके माध्यम से पाउडर, स्मॉग और केमिकल वाले कैप्सूल को डिटेक्ट किया जा सके। उन्होंने ये भी कहा कि, ऐसा भी संभव है कि जिस भी सांसद के पत्र के आधार पास जारी किया जाता है, उस पर कोई जिम्मेदारी डाल दी जाए। इसमें सांसद की तरफ से शपथ पत्र जैसा कोई दस्तावेज मांगा जा सकता है।