Rajasthan: कोटा में NEET की तैयारी कर रहे UP के छात्र ने की आत्महत्या, नहीं थम रहा है मौत का सिलसिला बीते साल दो दर्जन से अधिक स्टूडेंट्स ने दी जान
Rajasthan: शिक्षा की नगरी कहे जाने वाले कोटा (KOTA) में छात्रों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा खबर सामने आ रही है कि, यहां कोचिंग छात्र द्वारा आत्महत्या कर ली गई है. इसी के बाद से हड़कम्प मच गया है. यूपी निवासी मोहम्मद जैद पिछले एक साल से कोटा स्थित हॉस्टल में रहकर नीट (NEET) यूजी की तैयारी कर रहा था। हॉस्टल संचालक की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्र के शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। इसके साथ ही मामले में हॉस्टल संचालक की लापरवाही सामने आने पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। तो वहीं खबरों के मुताबिक, बीते साल 28 विद्यार्थियों ने जान दे दी थी.
टेंशन मे ले ली जान
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, कोटा शहर के न्यू राजीव गांधी नगर क्षेत्र में स्थित कंचन रेसीडेंसी में कमरा किराए पर लेकर कोचिंग छात्र मोहम्मद जैद रह रहा था और यही पर उसने आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि, मृतक छात्र यूपी के मुरादाबाद जिले का रहने वाला है. वह पिछले एक साल से मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था। नीट यूजी का सेकेंड अटेम्ट होने के चलते कोचिंग छात्र तनाव में था और इसी के चलते जैद ने जान देने की ठान ली। जैद के गांव के और भी छात्र इसी कंचन रेसीडेंसी में कमरे किराए पर लेकर कोचिंग संस्थान से कंपीटिशन की तैयारी कर रहे हैं।
रात में करता था पढ़ाई
मृतक छात्र जैद को लेकर उसके साथ पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि, मोहम्मद जैद अक्सर रात में पढ़ाई करता था और दिन में सोता था या फिर घूमने चला जाया करता था। सुबह-शाम में खाने के समय बात हुआ करती थी, लेकिन कल सुबह खाने के वक्त मोहम्मद जैद नजर नहीं आया। शाम को जब जैद को फोन किया तो बात नहीं हुई, तब कमरे पर जाकर देखा तो दरवाजा अंदर से बंद था। इस पर दरवाजा खटखटाया लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला और न ही कोई हरकत हुई। इसके बाद भी गेट खुलवाने की कोशिश की. काफी प्रयास करने के बाद जब खिड़की से अंदर देखा तो मोहम्मद जैद निढाल अवस्था में पड़ा दिखाई दिया. इस पर हॉस्टल संचालक को सूचना दी। कंचन रेसीडेंसी के संचालक ने जवाहर नगर थाने में सूचना दी और फिर पुलिस मौके पर पहुंची।
रात में मिली थी जानकारी
इस पूरी घटना को लेकर जवाहर नगर थाने में ड्यूटी पर तैनात देवेंद्र सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि.,मंगलवार शाम 9:30 बजे छात्र के कमरे में बंद होने की सूचना मिली। मौके पर जाकर देखा तो 18 वर्षीय छात्र मोहम्मद जैद आत्महत्या की अवस्था में पड़ा मिला। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस पर उसके परिजनों को जानकारी दी गई. मृत छात्र के शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। तो वहीं घटना के सम्बंध में पुलिस उपाधीक्षक प्रथम भवानी सिंह ने बताया कि घटनास्थल से किसी प्रकार का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मामले की छानबीन की जा रही है. घटनास्थल पर जुटाई जानकारी के अनुसार छात्र पहले भी मेडिकल प्रवेश परीक्षा दे चुका था और यह उसका दूसरा प्रयास था। संभवतया इसी के चलते छात्र तनाव से गुजर रहा था।
ये है पहला मामला
खबरों के मुताबिक, इस साल कोचिंग छात्र द्वारा आत्महत्या करने का ये पहला मामला सामने आया है तो वहीं बीते साल दो दर्जन से अधिक छात्रों ने आत्महत्या कर ली है. तो वहीं इन घटनाओं के सामने आने के बाद पढ़ाई के तनाव से जान देने के बाद जिला प्रशासन ने सख्ती बरती। सभी हॉस्टल्स में एंटी सुसाइड रॉड अनिवार्य रूप से लगाने के आदेश दिए और इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के आत्महत्या के बाद केंद्र सरकार भी जागी और कोचिंग संस्थान के लिए नई शिक्षा नीति लागू की।
हॉस्टर संचालक की गलती आई सामने
इस घटना को लेकर कोटा जिला प्रशासन काफी सख्त नजर आ रहा है. घटनास्थल की जांच के बाद कंचन रेसीडेंसी में एंटी सुसाइड रॉड नहीं पाई गई। ऐसे में हॉस्टल संचालक की गलती भी साफ नजर आ रही है। इस पर हॉस्टल संचालक पर भी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है. बता दें कि, अगर पंखे पर एंटी सुसाइड रॉड लगी होती तो रॉड पर 40 किलो से ज्यादा का वजन पड़ने के बाद रॉड की स्प्रिंग झूल जाती है और नीचे आ जाती है। एंटी सुसाइड रॉड लगाने से कमरे में अकेले भी फंदे पर झूलने का प्रयास सफल नहीं होता है. छात्र की जान बचाई जा सकती थी और इस प्रकार की स्थिति में ऐसा छात्र प्रबंधन की नजर में भी आ जाता है। ऐसी स्थिति में प्रशासन अलर्ट हो जाता है और अनहोनी होने से बच जाती है।
केंद्र सरकार ने जारी की है नई गाइड लाइन
मालूम हो कि इस तरह की घटनाओं के सामने आने के बाद हाल ही में केंद्र सरकार ने कोचिंग छात्रों के मामले में नई गाइड लाइन जारी की है। बीते लम्बे समय से लगातार छात्रों द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आ रहा है. इस साल का यह पहला मामला है, जिसमें इंजीनियरिंग और मेडिकल दोनों के ही छात्र शामिल रहे हैं। इंजीनियरिंग की एग्जाम भी शुरू हो चुके हैं और अब बोर्ड एग्जाम भी शुरू होने वाले हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि, एग्जाम का दौर आने से छात्रों में तनाव और बढ़ने वाला है, जिसमें एक्सपर्ट मानते हैं कि सघन मॉनिटरिंग की जरूरत होती है. तो वहीं राज्य सरकार और जिला प्रशासन की सख्ती के बाद आत्महत्या के मामलों में काफी कमी पाई गई है.