RAM NAVAMI: सात सुखों की प्राप्ति के लिए रामनवमी पर करें ये सात उपाय, बंदरों को खिलाएं चना व केला
RAM NAVAMI:चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में सूर्यवंश में कौशल्या की कोख से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था। इसीलिए इस तिथि को राम नवमी के नाम से जाना जाता है। भारतीय जनमानस में यह दिन अत्यधिक पुण्य माना जाता है। महाकवि तुलसीदास ने भी इसी दिन से श्रीरामचरितमानस की रचना आरम्भ की थी।
आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि, राम नवमी का संबंध भगवान विष्णु के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम से माना गया है। भगवान विष्णु ने अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करने के लिये हर युग में अवतार धारण किया। इन्हीं में से एक अवतार उन्होंने भगवान श्री राम के रुप में लिया था। जिस दिन भगवान श्री हरि ने राम के रूप में राजा दशरथ के यहां माता कौशल्या की कोख से जन्म लिया वह दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का दिन था। यही कारण है कि इस तिथि को रामनवमी के रूप में हिंदू समाज के घर-घर में मनाया जाता है। त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री रामजी का जन्म हुआ था। इसलिए भारत सहित अन्य देशों में भी हिंदू धर्म को मानने वाले इस पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से हर इच्छा पूरी हो सकती है।
करें ये उपाय
श्रीराम नवमी को प्रातः किसी राम मंदिर में जाकर राम रक्षा स्त्रोत का 11 बार पाठ करें। हर समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
दक्षिणावर्ती शंख में दूध व केसर डालकर श्रीरामजी की मूर्ति का अभिषेक करें । इससे धन लाभ होता है।
इस दिन बंदरों को चना, केले व अन्य फल खिलाएं। इससे आपकी हर मनोकामना पुरी होती है।
श्रीराम नवमी को सायं तुलसी के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं । इससे घर में सुख-शांति रहेगी।
इस दिन भगवान श्रीरामजी को विभिन्न अनाजों का भोग लगाएँ और बाद में इसे गरीबों में बांट दें ।इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी ।
इस दिन भगवान श्रीरामजी के साथ माता सीता की भी पूजा करें ।इससे दांपत्य जीवन सुखी रहता है ।
भगवान श्रीरामजी के मंदिर के शिखर पर ध्वजा यानी झंडा लगवाएं ।इससे आपको मान-सम्मान व प्रसिद्धि मिलेगी
DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। किसी भी धार्मिक कार्य को करते वक्त मन को एकाग्र अवश्य रखें। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)