CBI कोर्ट का फैसला रद्द कर हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख राम रहीम को दी बड़ी राहत, पूर्व मैनेजर रंजीत हत्याकांड में किया बरी, लेकिन रहना पड़ेगा जेल में ही
Ram Rahim: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. डेरे के पूर्व मैनेजर रंजीत हत्याकांड मामले में कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट (CBI Court) के फैसले को पलटते हुए बरी कर दिया है. इस मामले में 5 दोषियों को कोर्ट ने बरी किया है लेकिन फिर भी राम रहीम जेल से बाहर नहीं आ सकेगा.
19 साल बाद दिया दोषी करार
मीडिया सूत्रों के मुताबिक जानकारी के अनुसार, 22 साल पुराना यह मामला है, जिसमें 19 साल बाद सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख राम रहीम को दोषी करार दिया था. रामरहीम फिलहाल, जेल में बंद है और पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में सजा काट रहे हैं.
2002 में की गई थी हत्या
मीडिया सूत्रों के मुताबिक 10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में कहा जाता है कि डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी. फिलहाल इस मामलम में पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने साल 2003 की जनवरी महीने में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. इसी के बाद सीबीआई को ये मामला सौंपा गया था और अक्तूबर 2021 में डेरा प्रमुख के साथ ही पांच आरोपियों को दोषी करार दिया गया था.
ड्राइवर के बयान के बाद शामिल किया गया था राम रहीम का नाम
2007 में कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों पर आरोप तय कर दिए थे लेकिन शुरू में इस केस में रामरहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के बार डेरा प्रमुख को भी आरोपियों की सूची में शामिल किया गया था.
जेल से बाहर नहीं आ सकेगा रामरहीम
फिलहाल इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से सजा रद्द किए जाने के बाद भी राम रहीम सिंह जेल से बाहर नहीं आ सकेगा. इसकी वजह ये है कि उसके ऊपर दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में उसे 20 साल और छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, जिसे वह काट रहा है. इस मामले में 25 अगस्त 2017 को पंचकूला की सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था.