रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता का दावा, नहीं कर रहे हैं यूक्रेनी शहरों को लक्षित, भारतीय दूतावास ने तिरंगा चिपकाने की दी सलाह
कीव/नयी दिल्ली। जहां एक ओर रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता, मारिया ज़खारोवा ने एक मीडिया प्रेस ब्रीफिंग में दावा किया है कि रूसी सशस्त्र बल विशेष सैन्य अभियान में यूक्रेनी शहरों को लक्षित नहीं कर रहे हैं, लेकिन यूक्रेनी सशस्त्र बलों के बुनियादी ढांचे को संचालन से बाहर कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को वाहनों पर तिरंगा चिपकाने की सलाह दी है।
प्रसार भारती न्यूज सर्विस ने रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता का बयान ट्वीट किया है। तो वहीं यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे पोलैंड, रोमानिया और हंगरी की सीमा से लगे यूक्रेन के इलाके में आते समय अपने वाहनों पर तिरंगा चिपका दें। दूतावास ने युद्धरत यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को अपना पासपोर्ट, आपात खर्च के लिये नगद खासकर डॉलर और जरूरी सामान हमेशा साथ रखने के लिये कहा है। इसी के साथ दूतावास ने भारतीय नागरिकों को ये भी सलाह दी है कि वे पोलैंड, रोमानिया और हंगरी की सीमा चौकी की ओर बढ़ें क्योंकि उन्हें यूक्रेन से बाहर निकालने के लिये वहां शिविर स्थापित किये गये हैं।
इस बीच भारत का विदेश मंत्रालय यूक्रेन में फंसे नागरिकों को स्वदेश लाने के लिये रक्षा मंत्रालय के साथ संपर्क में लगातार बना हुआ है। भारतीय वायुसेना के विमान वहां से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिये तैयार हैं। गुरुवार को विदेश सचिव हर्ष वर्धन सिंगला ने बताया था कि भारत यूक्रेन और रूस दोनों के साथ संपर्क में है और दोनों देशों को बताया गया है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने के लिये मदद की जरूरत होगी और इसीलिये वाणिज्यिक विमानों के साथ भारतीय वायुसेना के विमान भी उनके साथ वहां जा सकते हैं। सभी विकल्प खुले हैं। भारत की पहली प्राथमिकता भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उन्हें वहां से बाहर निकालना है।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुरुवार को इस बाबत रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की थी और उनसे कहा था कि रूस और नाटो के बीच का विवाद ईमानदार और गंभीर बातचीत के ही जरिये संभव है। इसी के साथ पुतिन को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों के बारे बताया और कहा कि भारत उन्हें सुरक्षित वहां से बाहर निकालने और स्वदेश वापस लाने को सबसे पहले प्राथमिकता देता है।
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