Home » काशी विश्वनाथ पर विवादित बयान देने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पर छात्रों ने जाति के आधार पर नम्बर देने का लगाया आरोप, निलम्बन न होने तक विरोध जारी रखने की घोषणा, देखें वीडियो, क्या कहा था प्रोफेसर ने
काशी विश्वनाथ पर विवादित बयान देने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पर छात्रों ने जाति के आधार पर नम्बर देने का लगाया आरोप, निलम्बन न होने तक विरोध जारी रखने की घोषणा, देखें वीडियो, क्या कहा था प्रोफेसर ने
लखनऊ। काशी विश्वनाथ पर विवादित बयान देकर चौतरफा घिरे लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा. रविकांत को निलम्बित करने की मांग बढ़ती जा रही है। छात्रों के साथ ही कई हिंदु संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने निलम्बन न होने तक विरोध जारी रखने की घोषणा की। बुधवार को भी विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय कैम्पस में प्रोफेसर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जल्द निलम्बित करने की मांग की और कहा कि अगर इस हफ्ते उनको निलम्बित नहीं किया जाएगा तो सभी विद्यार्थी उनकी कक्षा का बायकॉट कर देंगे।
बुधवार को हिंदू राष्ट्र शक्ति ने कुलपति को सम्बोधित ज्ञापन प्रॉक्टर को सौंपा। इस मौके पर बड़ी संख्या में साधु-संत और विद्यार्थी मौजूद रहे। इस सम्बंध में हिंदू राष्ट्र शक्ति के सह संस्थापक मृत्युंजय सिंह ने कहा कि डा. रविकांत के बयान ने सनातन धर्म को मानने वाले पूरे समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उनके इस कृत्य ने धार्मिक उन्माद फैलाने और नफरत की भावना को बढ़ाने का काम किया है। ऐसे प्रोफेसर विश्वविद्यालय की शिक्षा पद्धति को खराब करने का काम कर रहे हैं। इसलिए हिंदू राष्ट्र शक्ति परिवार प्रो. रविकांत के निष्कासन की मांग करता है। इसी के साथ मृत्युंजय ने बताया कि कई छात्रों ने आरोप लगाया है कि डा. रविकांत जाति के आधार पर असाइमेंट में नम्बर देते हैं।
हालांकि इस सम्बंध में प्रो. रविकांत का पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो उनका फोन नहीं उठा। तो वहीं बीए सेकेंड इयर के छात्र व उपाध्यक्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विन्ध्यवासिनी शुक्ला ने बताया कि वह उनकी कक्षा के ही छात्र हैं। विन्ध्यवासिनी शुक्ला ने बताया कि छात्रों को नम्बर देना सिर्फ उनके हाथ में नहीं होता, इसलिए वह इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कर पाते, लेकिन जब भी वह क्लास में आते हैं तो एक ही नहीं सभी धर्मों का अपमान करने वाली ही बात करते हैं। कई बार वह ऐसा कर चुके हैं, लेकिन इस बार उनके बयान ने सारी हदें पार कर दी हैं।
शिक्षक संगठन भी उनके विरोध में उतर आए हैं। यह विरोध तब तक चलता रहेगा, जब तक उनको निलम्बित नहीं किया जाता। बता दें कि इस मामले में मंगलवार को ही प्रो. रविकांत पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। हालांकि उनकी ओर से भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। बता दें कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भी प्रोफेसर रविकांत से स्पष्टीकरण मांगा गया है। गौरतलब है कि मंगलवार को विरोध होने के बाद ही प्रोफेसर रविकांत ने अपने बयान पर खेद जाहिर कर दिया था, लेकिन विद्यार्थियों व हिंदू संगठनों का कहना है कि उन्होंने जिस तरह से खेद जताया व खेद नहीं लगता। इसलिए उनको निलम्बित किया जाए।