COVID-19 हुआ और मजबूत, 6 देशों में फैला कोरोना का नया वैरियंट सी.1.2, वैक्सीन पड़ रही कमजोर

November 27, 2021 by No Comments

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद डेल्टा प्लस के शिकंजे से दुनिया अभी बाहर आने के रास्ते तलाश ही रही है कि कोरोना एक नया वैरियंट सी.1.2 सामने आया है। वैज्ञानिक इसे म्यूटेशन के लिहास से काफी खतरनाक बता रहे हैं। इसका सबसे पहला केस दक्षिण अफ्रीका से सामने आया है। फिलहाल भारत अभी इस खतरे से दूर है, लेकिन यह दुनिया के 6 देशों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ ही भारत भी बेहद चिंतित है।   

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डेल्टा, डेल्टा प्लस से भी ज्यादा खतरनाक इस वैरिएंट पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तकनीकि प्रमुख डॉ. मारिया वॉन ने ट्वीट करके बताया कि सी.1.2 के बारे में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार दक्षिणी अफ्रीका के शोधकर्ताओं से संपर्क बनाए हुए है और कोविड-19 महामारी के दौरान उनके शोधों पर चर्चा कर रहा है।

हम दक्षिण अफ्रीका के शोधकर्ताओं को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने सबसे पहले सी.1.2 के बारे में स्वास्थ्य संगठन को जानकारी दी और अपने शोध को शेयर किया। दूसरी ओर वैज्ञानिकों ने इसे कोविड-19 से भी अधिक खतरनाक बताया है। 24 अगस्त को प्रीप्रिंट रिपोजिटरी मेडरेक्सिव पर पीयर-रिव्यू अध्ययन के लिए पोस्ट किए गए डेटा के मुताबिक सी.1 की तुलना में कोरोना के इस नए वैरिएंट सी.1.2 में तेजी से म्यूटेशन हो सकता है। इसका मतलब यह है कि कोरोना के इस नए वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में काफी तेजी से बदलाव होते रहने की सम्भावना है।  

ऐसे हुआ इस खतरनाक वैरियंट का खुलासा
WHO के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका में 21 मई को इस वैरिएंट का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद दुनिया भर में अब तक इस वैरिएंट के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। मारिया वॉन का कहना है कि हमें इस नए वैरिएंट के और भी सीक्वेंस के बारे में पता करने की जरूरत है। क्योंकि, अभी तक डेल्टा वैरिएंट ही सबसे ज्यादा संक्रामक प्रतीत हो रहा है।

वैक्सीन से भी नहीं होगा कुछ  
वैज्ञानिकों का कहना कि अब तक पूरी दुनिया डेल्टा वैरिएंट के खतरे से परेशान थी। इस बीच इस नए वैरिएंट ने दुनिया भर को और भी चिंता में डाल दिया है।  अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों को यह मालूम हुआ कि यह नया वैरिएंट शरीर में वैक्सीनेशन के बाद बनी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी आसानी से मात दे सकता है। इस खबर के बाद से ही दुनिया भर में एक बार फिर से कोरोना का खतरा बढ़ गया है। शोधकर्ता बताते हैं कि सार्स-सीओवी-2 वायरस अपने स्पाइक प्रोटीन का उपयोग करके मानव कोशिकाओं को संक्रमित करते हुए उसमें प्रवेश करता है। इस नए वैरिएंट सी.1.2 में  N440K और Y449H जैसे म्यूटेशनों का पता चला है। यह म्यूटेशन शरीर में बने इम्यून सिस्टम को तेजी से कमजोर करता है। हालांकि वैज्ञानिकों ने यह कहकर राहत दी है कि इसका खतरा वैक्सीन की डोज ले चुके लोगों में कम होगा। 

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