UP: CM योगी को खालिस्तानी समर्थक पन्नू ने धमकी देते हुए कहा, नहीं फहराने देंगे 15 अगस्त को तिरंगा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खालिस्तानी समर्थक ने एक बड़ी धमकी देते हुए 15 अगस्त को तिरंगा न फहराने देने की बात कही है। खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इस सम्बंध में कुछ पत्रकारों को ऑडियो भेजा है और खुली धमकी देते हुए कहा है कि स्वतंत्रता दिवस पर CM योगी को लखनऊ के विधानभवन पर झंडा नहीं फहराने देंगे।
गौरतलब है कि भारत में सिख फॉर जस्टिस संगठन प्रतिबंधित है। इसके नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए धमकी वाला ऑडियो मीडियाकर्मियों के फोन पर भेजा है। जिसमें धमकी देते हुए कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 15 अगस्त को लखनऊ विधानभवन पर झंडा नहीं फहराने देंगे। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक खालिस्तानी समर्थक एवं सिख फॉर जस्टिस संगठन (SFJ) के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने यह धमकी गुरुवार को लखनऊ के पत्रकारों को +6478086308 नंबर से आई कॉल के माध्यम से दी। जिसमें कहा कि वो योगी आदित्यनाथ को 15 अगस्त पर तिरंगा नहीं फहराने देगा।
59 सेंकेंड की थी कॉल
मालूम हो कि यह कॉल लखनऊ के कुछ पत्रकारों को आई थी, जो कि 59 सेंकेंड की थी। रिकार्डेड कॉल में गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि BJP,RRS और PM मोदी किसानों के विरोध में हैं और सीएम योगी आदित्यानाथ उनका साथ दे रहे हैं। इसी वजह से UP के लोग और किसान यूपी सरकार को तिरंगा नहीं फहराने देगी। इसी के साथ कहा कि टांडा, हरदुआगंज, पनकी, पारीछा और अन्य पावर प्लांट शटडाउन कर दें। आडियो संदेश में ये भी कहा गया है कि सहारनपुर से रामपुर तक एरिया खालिस्तान बन जाने के बाद अपने कब्जे में लिया जाएगा।
इनको भी दे चुका है धमकी
बता दें कि इससे पहले पन्नू भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार को भी धमकी दे चुका है। बता दें कि इससे पहले पन्नू ने हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर को भी इसी तरह की धमकी दी थी और 15 अगस्त को तिरंगा नहीं फहराने देने को कहा था। ऑडियो संदेश में ये भी कहा गया था कि पंजाब के बाद वह हिमाचल पर भी कब्जा करेंगे, क्योंकि हिमाचल का कुछ क्षेत्र पहले पंजाब का ही हिस्सा था। सिख फॉर जस्टिस संगठन भारत में देश विरोधी गतिविधियां चलाने के आरोप में 10 जुलाई, 2019 से प्रतिबंधित है। बावजूद इसके खालिस्तानी भारत की शांति भंग करने के लिए प्रयास में लगे रहते हैं।