UP Police Paper Leak Case: पेपर लीक मामले में बड़े रैकेट का भंडाफोड़,15 लाख में तय हुआ था सौदा, जानें अब तक कितने गिरफ्तार

March 15, 2024 by No Comments

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UP Police Paper Leak Case: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में जहां एक ओर परीक्षा रद्द होने के बाद नौजवान निराश हैं वहीं पेपर लीक करने वालों के खिलाफ पुलिस व जांच एजेंसी लगातार कार्रवाई कर रही है. ताजा खबर सामने आ रही है कि इस मामले में एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हो गया है। पुलिस टीम ने अब तक इस मामले में 396 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जबकि मुख्य आरोपी अरुण सिंह ने कौशांबी मे यूपी एसटीएफ के सामने सरेंडर कर दिया है. उसके अन्य साथियों का तलाश जारी है. शुक्रवार को तीन मुख्य आरोपियों को एसटीएफ की टीम ने गाजियाबाद से भी गिरफ्तार किया है।

शुक्रवार को यूपी डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी और बताया, “पेपर लीक मामले में अब तक 396 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस भर्ती में पेपर ट्रांसपोर्ट करने वाली एजेंसी के कर्मचारियों शिवम गिरी, रोहित पांडेय और अभिषेक गुप्ता की मदद से पेपर लीक किया गया। मामले के तीन प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि मास्टर माइंड की तलाश जारी है। गाजियाबाद से तीन आरोपी गिरफ्तार हैं। चौथे आरोपी से पूछताछ की जा रही है, जो पटना में डॉक्टर है। इस गैंग ने सीधे ट्रांसपोर्ट कंपनी से कॉन्टेक्ट किया, जिसके जरिए पेपर छपकर आने थे।” एसटीएफ प्रभारी बृजेश कुमार सिंह ने कहा, 18 फरवरी को यूपी पुलिस की परीक्षा थी लेकिन परीक्षा से एक दिन पहले दूसरी पाली का पेपर लीक हो गया था। इसके बाद एसटीएफ आरोपियों की धरपकड़ में शुरू हो गई थी। पेपर लीक के मामले में पुलिस ने अब तक उत्तर प्रदेश से 54 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि पेपर लीक होने की खबर सामने आने के बाद ही परीक्षा रद्द कर दी गई थी.

साजिश रचने वाला भी गिरफ्तार
डीजीपी ने बताया, तीन मुख्य आरोपियों को एसटीएफ ने गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। साजिश रचने में शामिल प्रयागराज निवासी अभिषेक शुक्ला को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्होने कहा कि परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। वह आगे बोले कि पुलिस और एसटीएफ की टीमें इन्हें तलाश कर रही थीं। अभिषेक शुक्ला प्रयागराज के सरायममरेज थाना क्षेत्र स्थित विक्रमपुर का रहने वाला है। मेजा के धर्मपुर शुकुलपुर निवासी राजीव नारायण मिश्र भी इस साजिश में शामिल था। अहमदाबाद में टीसीआई कंपनी के भीतर से पेपर को लीक कराया गया था।

ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारी भी शामिल
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड परीक्षा में शुक्रवार को एसटीएफ ने बड़ा खुलासा किया है. एसटीएफ ने बताया कि पेपर लीक करने में ट्रांसपोर्ट के तीन कर्मियों की भूमिका भी सामने आई है. तीन आरोपियों को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के पास से दूसरी पाली का पेपर बरामद हुआ। वहीं आरोपियों के मोबाइल से पेपर लिखकर महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे। कंकरखेड़ा पुलिस ने तीनों आरोपियों को शुक्रवार को जेल भेज दिया। गाजियाबाद से गिरफ्तार पकड़े गए तीनों आरोपी ट्रांसपोर्ट कंपनी में कर्मचारी थे। आरोपियों की पहचान अभिषेक शुक्ला पुत्र ब्रह्मदेव शुक्ला निवासी विक्रमपुर थाना ममरेज जिला प्रयागराज, शिवम गिरी पुत्र राम अचल गिरी निवासी मिर्जापुर व रोहित पांडे पुत्र विजय नाथ पांडे जिला भदोही के रूप में हुई है।

पेपर की फोटो पहले ही खींच ली थी
आरोपियो ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह ट्रांसपोर्ट कंपनी में ही काफी समय से नौकरी कर रहे थे। नौकरी के दौरान ही तीनों एक दूसरे के संपर्क में आए थे। इसके बाद आरोपियों ने पेपर लीक करने वाले गिरोह से संपर्क किया था। जहां उनका 15 लाख रुपए में पेपर लिख करने का सौदा तय हुआ था। इसी के बाद आरोपियों ने फोटो खींचकर पेपर लीक कर दिया था। आरोपियों के पास से दूसरी पाली का पेपर बरामद हुआ। मोबाइल से पेपर लीक की जानकारियां भी मिली। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को अन्य कई जानकारियां दी। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है। शुक्रवार को पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया।

सिद्धार्थनगर से भी गिरफ्तार हुआ है एक आरोपी
एसटीएफ गोरखपुर और इटवा पुलिस की संयुक्त टीम ने गुरुवार को इटवा कस्बे के पास से आरोपी को पकड़ा। वह बिहार के रोहतास (सासाराम) जनपद का रहने वाला है। पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उसे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां से उसे जेल भेज दिया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने कई जानकारी दी है। इसके माध्यम से पुलिस अन्य आरोपियों तक पहुंच सकती है. आरोपी से रुपये के लेनदेन के बारे में भी कई साक्ष्य मिले हैं। इसके पहले पुलिस 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए लगातार पुलिस टीम मामले की छानबीन कर रही है।

सरगना हरियाणा का
बता दें कि परीक्षा 17 और 18 फरवरी को हुई थी. इस पेपर को लीक करने वाले गिरोह का सरगना भी हरियाणा के जींद जिले का रहने वाला एवं दिल्ली पुलिस का सिपाही महेंद्र शर्मा बताया जा रहा है। इसको भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. इसने कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने कहा है कि पेपर परीक्षा से दो दिन पहले ही मिल गया था. वहीं आरोपी महेंद्र ने बताया कि वह पूर्व में मेरठ से गिरफ्तार हो चुके आरोपियों के संपर्क में था. महेंद्र के पास से पेपर और उत्‍तर कुंजी भी बरामद की गई हैं. इससे पहले भी यूपी पुलिस पेपर लीक मामले से जुड़े कई आरोपियों को दबोच चुकी है.

1000 अभ्यर्थियों को साल्व कराया गया था पेपर
महेंद्र शर्मा ने खुलासा किया कि पेपर 16 फरवरी को ही गुरुग्राम के रिसॉर्ट में आउट हो गया था और उसी दिन करीब 1000 अभ्‍यर्थियों को सॉल्‍व करा दिया गया था. एसटीएफ ने महेंद्र शर्मा के पास से पेपर और उत्‍तर कुंजी भी बरामद कर ली है. महेंद्र शर्मा ने बताया कि दिल्‍ली पुलिस में तैनात विक्रम उसे रिसॉर्ट ले गया था और वह लगातार मेरठ से पूर्व में गिरफ्तार हो चुके आरोपितों के संपर्क में था.