क्या आप जानते हैं हिंदी सिनेमा की पहली देशभक्ति फिल्म कौन सी थी? एक अंग्रेज ने बनाई थी और हो गई थी हिट…इस हीरो ने निभाया था अहम रोल-Video

August 12, 2024 by No Comments

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Janmabhoomi 1936: 15 अगस्त 1947 को भारत के आजाद होने के बाद देश में खूब खुशियां मनाई गई थी तो वही खुशी आज भी हर साल 15 अगस्त के दिन दिखाई देती है. इस दिन देश के हर कोने में देशभक्ति गाने गूंजते हैं तो वहीं घरों में लोग देशभक्ति मूवी देखते हैं और स्कूलों व कॉलेज में देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. वैसे तो हिंदी सिनेमा में अब तक ढेरों देश भक्ति फिल्में बनी हैं. सबसे बड़ी बात तो ये है कि भारत में पहली देशभक्ति फिल्म बनाने वाला एक अंग्रेज ही था. बहुत ही कम लोग इस फिल्म के बारे में जानते होंगे. इस लेख में आज हम आपको न केवल फिल्म की जानकारी देते हैं बल्कि एक यूट्यूब लिंक भी शेयर कर रहे हैं ताकि आप इस फिल्म को देख भी सकें.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जर्मन फिल्म डायरेक्ट फ्रेंज ओस्टन (Franz Osten) ने इस फिल्म को बनाया था और उस फिल्म का नाम ‘जन्मभूमि’ था. यह फिल्म 1936 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में अशोक कुमार ने अहम भूमिका निभाई थी. यानी भारत की पहली देशभक्ति फिल्म लगभग 88 साल पहले आई थी.

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1935 में चल रहा था आजादी का आंदोलन
मालूम हो कि अंग्रेजों के देश पर कब्जा करते ही आजादी के दीवानों ने अंग्रेजों को चुनौती देना शुरू कर दिया था और फिर 1935 में ये आग इतनी तेज भड़की थी कि देश के हर कोने-कोने से बच्चा-बच्चा अंग्रेजों की हैवानियत के खिलाफ उतर गया था. बड़ों से लेकर युवा, बच्चे और महिलाएं सभी की आंखों में देश के आजाद होने का सपना पल रहा था. भारत की आजादी का मुद्दा हर जगह छाया हुआ था. इसी बीच फ्रेंज ओस्टन के मन में इस मुद्दे पर फिल्म बनाने का विचार आया और उन्होंने भारत की आजादी पर एक फिल्म बना डाली और उसका नाम जन्मभूमि रखा.

इस फिल्म ने दिया था ये संदेश
इस फिल्म में उस जमाने के जाने-माने कलाकार अशोक कुमार और देविका रानी ने मुख्य भूमिका निभाई थी. अजय कुमार घोष-रामंचद्र का किरदार अशोक कुमार ने निभाया था तो वहीं प्रोतिमा का किरदार देविका रानी ने निभाया था. दोनों के ही काम को लोगों ने खूब पसंद किया था. फिल्म जन्मभूमि 1936 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म को भारतीय सिनेमा की पहली देशभक्ति फिल्म माना जाता है. फिल्म जन्मभूमि में दिखाया गया कि किस तरह से फिल्म का हीरो गांव वालों को आजादी का मतलब समझाता है और लोगों को जातिगत बंधन तोड़ने की बात कहता है और लोगों को एकता के लिए प्रेरित करता है. इंडियन सिनेमा ओस्टन को भारतीय संस्कृति से लगाव था इसलिए उन्होंने ऐसी फिल्म बनाई. इस फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया था.