फिंगर प्रिंट की क्लोनिंग कर उड़ाए 40 लाख रुपये, तीन गिरफ्तार 

November 27, 2021 by No Comments

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लखनऊ। IGRS वेबसाइट  और रजिस्ट्री में लगे लोगों के अंगुष्ठ छाप (फिंगर प्रिंट) की चोरी कर उसका क्लोन तैयार कर लोगों के खातों से लाखों रुपये उड़ाने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को लखनऊ की विभूतिखंड पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने तीनों के पास से तीन लाख रुपये, एक कार और रबर पर बनाए गए क्लोन भी बरामद किया है। यह लोग फर्जी आइडी के जरिए सिमकार्ड भी लेते थे। गिरफ्तार तीनों आरोपितों को पुलिस ने जेल भेज दिया।

 एडीसीपी पूर्वी सैय्यद मोहम्मद कासिम आब्दी के मुताबिक बीती नौ फरवरी को गोरखपुर निवासी एचपीएस इंफार्मेटिक के निदेशक समीर कुमार ने अजीत कुमार निषाद, दीनदयाल निषाद और किशन कुमार निषाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। निदेशक ने तीनों पर  40 लाख रुपये का हेरफेर करने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच पुलिस कर रही थी।

बुधवार सुबह अवध बस स्टॉप के पास से गोरखपुर बांस गांव निवासी राजेश राय, राहुल कुमार राय और रामसरन गौड़ को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने फिंगर प्रिंट क्लोनिंग करने और फर्जी आईडी के जरिए एचपीएस इंफार्मेटिक में ई-वॉलट बनाने की बात स्वीकार की। उन्होंने बताया कि अजीत कुमार व अन्य के नाम का इस्तेमाल कर ई-वॉलट बनाए गए थे। वहीं, ठगों के पास से तीन लाख रुपये, बड़ी संख्या में रबर पर तैयार किए गए फिंगर प्रिंट क्लोन, लैपटाप, बॉयोमैट्रिक स्कैनर, केमिकल आदि सामान बरामद किया गया है। पूछताछ में राजेश राय ने बताया कि वह लोग आईजीआरएस और रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट से फिंगर प्रिंट की डिटेल जुटाते थे। जिसका इस्तेमाल कर आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के जरिए जनसेवा केंद्रों से वह लोग रुपये निकाल लेते थे। 

क्या है सिस्टम
आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के तहत गांव व छोटे शहरों में किसी जरूरतमंद को अगर पैसा निकालना हो तो आधार कार्ड के जरिए अंगूठा लगाकर पैसा निकाला जा सकता है। बैकों को ये अनुमति दी गई है कि आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के जरिए पैसा निकाल कर गरीबों को दे सकते हैं। पकड़े गए आरोपियों के पास एक आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम की सुविधा थी। इनमें से एक आरोपी उस कंपनी में काम करता था, जिसके कंपनी के पास ये सुविधा थी।

अंगूठा निशान को क्राप कर बटर पेपर प्रिंट निकाल कर तैयार कर करते थे क्लोनिंग
गिरोह के लोग सराकर की भू लेख वेबसाइट में यूपी के सभी जिलों में रहने वाले लोगों की सभी जानकारी उपलब्ध रहती है। साथ ही आधार की भी पूरी डिटेल मौजूद रहती है। ये लोग आधार में मौजूद अंगूठे के निशान को क्राप उसका बटर पेपर पर प्रिंट निकाल लेते थे। इसके बाद हीटिंग मशीन के माध्यम से अगूठे के निशान को रबड़ पर निकाल लेते थे। फिर उसी रबड़ पर मौजूद अंगूठे के निशान से बैंको से पैसा निकालते थे।

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