CHAITRA NAVRATRI: षष्ठी मां कात्यायनी को लगाएं शहद का भोग, विवाह की इच्छा रखने वाली युवतियां इस विधि से करें पूजा, जल्द बनेगा विवाह का योग, कन्याओं को दान करें फल और फूल, देखें भजन व वीडियो

April 6, 2022 by No Comments

Share News

नवरात्र स्पेशल। नवरात्र की षष्ठी (7 अप्रैल) को माँ शक्ति के छठे स्वरुप माता कात्यायनी की पूजा का विधान शास्त्रों में वर्णित है। अगर किसी वजह से षष्ठी को माता की पूजा न कर सकें, तो नवरात्र की अष्टमी व नवमी के दिन अगर माता के सभी स्वरूपों की पूजा कर लें तो पूरे नवरात्र का फल प्राप्त हो जाता है। इस सम्बंध में आचार्य पुष्पलता पाण्डेय और आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि माँ शक्ति के छठे स्वरुप माँ कात्यायनी कि पूजा-अर्चना करने की परम्परा नवरात्र की षष्ठी को है। नवरात्र की षष्ठी को माता की पूजा एकाग्र होकर करें। ध्यान रहे कि नवरात्र के दौरान पूजा करते वक्त मन में किसी तरह का छल या कपट न रखें। तभी पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है।

लड़कों पर चढ़ा अल्लू अर्जुन का बुखार, दसवीं के परीक्षा में एक छात्र ने उत्तर पुस्तिका पर ही लिख डाला “पुष्पा राज…अपुन लिखेगा नहीं…”, देखें वीडियो

भक्त जान लें कैसी है मां की छवि
अगर हम मां कात्यायनी की छवि का बात करें तो सुनहरे और चमकीले वर्ण वाली माता की चार भुजाएं हैं। वह सदैव रत्न आभूषण से अलंकृत रहती हैं। इस रूप में माँ खूंखार और दानवों पर झपट पड़ने वाली मुद्रा में भी दिखाई देती हैं, जो कि सिंह पर सवार रहती हैं। माँ का आभामंडल विभिन्न देवो के तेज अंशों से मिश्रित इंद्रधनुषी छटा देने वाला है। माँ का यह छठवां विग्रह रूप है। नवरात्र की षष्ठी को भक्तों में माँ के इसी रूप की पूजा-अर्चना व आराधना करने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। प्राणियों में माँ का वास आज्ञा चक्र में होता है, और योग साधक इस दिन अपना ध्यान आज्ञा चक्र में लगाकर माता की कृपा प्राप्ति करते हैं।

अपने ही तीन छात्रों के साथ शिक्षिका ने प्रेमी के साथ मिलकर बनवाया सामूहिक सेक्स वीडियो, वायरल होने के बाद साइबर सेल जांच में जुटी, देखें कहां का है मामला

LU LAW STUDENTS:विदेश जाकर अध्ययन करने के इच्छुक LAW स्टुडेंट्स के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय 6 अप्रैल को करने जा रहा है खास आयोजन, देखें पूरी जानकारी

जेल से छूटते ही दुष्कर्म आरोपित को पहनाई गई माला, लक्जरी गाडियों के साथ निकला काफिला, लगे नारे, “जेल का ताला टूट गया, राजन पंडित छूट गया”, देखें वीडियो, मुकदमा दर्ज

माँ के इस स्वरूप में दाहिनी ओर की ऊपर वाली भुजा अभय देने वाली मुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा वर देने वाली मुद्रा में दिखाई देती है। बाईं ओर की ऊपर वाली भुजा में माँ ने चंद्रहास तलवार धारण किया है, तो वहीं नीचे वाली भुजा में कमल का फूल माता लिए हुए हैं। एकाग्रचित्त और पूर्ण समर्पित भाव से माँ की उपासना करने वाला भक्त बड़ी सहजता से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष अर्थात इन चारों पुरुषार्थो की प्राप्त कर लेता है। इस तरह वह इस लोक में रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव को प्राप्त कर लेने में सक्षम होता है। मान्यता है कि जो नवरात्र के दिन माता को पूरे मन और श्रद्धा के साथ जप लेता है, उसे रोग, शोक, संताप, भय से धीरे-धीरे मुक्ति मिलती जाती है। माता अपने बच्चों पर सदैव अपना आशीर्वीद रखती हैं।

चार पाकिस्तानी और 18 भारतीय यूट्यूब चैनल्स पर लगाई गई रोक, फेक न्यूज चलाने पर फेसबुक, ट्वीटर और एक न्यूज वेबसाइट को भी किया गया ब्लॉक, देखें कितने अकाउंट पर की गई है कार्रवाई

NEP लागू करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर आकर्षित हो रहे हैं तमाम जिलों के कॉलेज, चार जिलों के कॉलेजों ने छोड़ा कानपुर विश्वविद्यालय, LU से हुए सम्बद्ध, इसके बाद प्रवेश में हुई 11.2 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी, देखें जिलों के नाम

RAMADAN-2022:थूक निगलने से नहीं टूटता है रोजा, जानें क्या कोई बच्चा रमजान की सुबह के अजान से पहले बालिग हो जाए तो क्या उसे रोजा रखना जरूरी होगा, इन हेल्पलाइन नम्बरों पर कॉल कर महिलाएं भी पूछ सकती हैं सवाल

माता ऐसे होंगी प्रसन्न
नवरात्र की षष्ठी तिथि पर मां कात्यायनी की पूजा और ध्यान गोधूलि बेला में करने का विधान पुराणों में बताया गया है। मान्यता है कि अगर अविवाहित बेटियां मां कात्यायनी देवी की पूजा पूरे ध्यान और मन से करें तो विवाह का योग जल्दी बनता है और योग्य वर की प्राप्ति होती है। विवाह की इच्छा रखने वाली बेटियों को चाहिए कि नवरात्र से माता कात्यायनी की पूजा शुरू कर प्रत्येक गुरुवार को भी उनकी पूजा पूरे विधि-विधान से करें। माता को प्रसन्न करने के लिए शहद का भोग लगाएं। इसी के साथ कन्याओं को फूल और फल भेंट में दें।

मंत्र
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना
कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानव घातिनी

आरती
जय जय अंबे जय कात्यानी।
जय जग माता जग की महारानी।।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदानी नाम पुकारा।।

कई नाम है कई धाम है।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।।
हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।

हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त है कहते।।
कात्यायनी रक्षक काया की ।
ग्रंथ काटे मोह माया की ।।

झूठे मोह से छुड़ाने वाली ।
अपना नाम जपने वाली ।।
बृहस्पति वार को पूजा करियो ।
ध्यान कात्यायनी का धरियो ।।

हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी ।।
जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।

अन्य खबरें भी पढ़ें-

RAMADAN-2022:थूक निगलने से नहीं टूटता है रोजा, जानें क्या कोई बच्चा रमजान की सुबह के अजान से पहले बालिग हो जाए तो क्या उसे रोजा रखना जरूरी होगा, इन हेल्पलाइन नम्बरों पर कॉल कर महिलाएं भी पूछ सकती हैं सवाल

LU LAW STUDENTS:विदेश जाकर अध्ययन करने के इच्छुक LAW स्टुडेंट्स के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय 6 अप्रैल को करने जा रहा है खास आयोजन, देखें पूरी जानकारी

जेल से छूटते ही दुष्कर्म आरोपित को पहनाई गई माला, लक्जरी गाडियों के साथ निकला काफिला, लगे नारे, “जेल का ताला टूट गया, राजन पंडित छूट गया”, देखें वीडियो, मुकदमा दर्ज

सर्व ब्राह्मण समाज का फाग उत्सव: जमकर हुई फूलों की बारिश और नृत्य, राधा-कृष्ण और हनुमान जी ने मोहा मन, देखें वीडियो

अविवाहित बुजुर्ग महिला ने राहुल गांधी के नाम की अपनी सारी सम्पत्ति, जानें ये बड़ी वजह, महिला का दावा, जवाहरलाल नेहरू से उनके पिता के थे गहरे सम्बंध