केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की फ्लीट में मौजूद ड्राइवर की मौत, राज्य संपत्ति विभाग के एक कर्मचारी पर लगा प्रताड़ना का आरोप।
लखनऊ। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की फ्लीट में चल रहे वाहन में से एक वाहन के ड्राइवर की हार्ट अटैक से मृत्यु हो जाने के बाद से उनके परिवार वाले राज्य सम्पत्ति विभाग के एक कर्मचारी पर प्रताड़ना का आरोप लगा रहे हैं। परिवार वालों का कहना है कि ड्राइवर अशोक वर्मा की मौत चिंता के चलते हुई है। उनको राज्य संपत्ति विभाग के मोटर इंचार्ज कई दिनों से परेशान कर रहे थे। इसी के चलते उनकी ह्रदयगति रुकी और मौत हो गई। मौत के दूसरे दिन भी परिजनों ने रोष व्यक्त करते हुए दोषी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग की है।
गौरतलब है कि ड्राइवर अशोक वर्मा की रविवार रात मौत हो गई थी। वर्मा के परिवार वाले राज्य संपत्ति विभाग के मोटर इंचार्ज पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मोटर इंचार्ज पर कार्यवाही की मांग करने लगे और आक्रोश में आकर सिविल अस्पताल में जमकर हंगामा किया। इस पर एसीपी हजरतगंज राघवेंद्र कुमार मिश्र ने आक्रोशित परिवारीजनों को तहरीर के आधार पर कार्यवाही का आश्वासन देकर शांत कराया। उधर मृतक के दामाद श्रीशरण व अन्य परिवारीजनों ने मोटर विभाग के इंचार्ज पर जल्द कार्यवाही की मांग की है। इस पर एसीपी राघवेंद्र मिश्र ने बताया कि अशोक के घरवाले जो भी तहरीर देंगे उसके आधार पर जांच कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
दामाद ने बताया पूरा घटनाक्रम
बता दें कि निशातगंज पेपर मिल कालोनी निवासी अशोक वर्मा राज्य संपत्ति विभाग में ड्राइवर थे। इस सम्बंध में उनके दामाद श्रीशरण ने बताया कि हार्ट और शुगर की बीमारी के चलते कई दिनों से उनके ससुर अशोक वर्मा छुट्टी पर चल रहे थे। सिविल अस्पताल से उनका इलाज भी चल रहा था। एक सितंबर को उन्होंने फिर से नौकरी ज्वाइन की थी। एक-दो दिन बाद ही उनकी फिर से हालत बिगड़ी तो उन्होंने रविवार की सुबह राज्य संपत्ति विभाग के मोटर विभाग के इंचार्ज अमरीश श्रीवास्तव को फोन कर अवकाश देने की बात कही। इस पर अमरीश ने उन्हें सस्पेंड करने की धमकी दी और नौकरी पर आने के लिए कहा। इस पर वह बीमारी की हालत में ही नौकरी करने चले गए। दिन भर काम पर रहे। रात में छुट्टी के बाद उनको केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की फ्लीट में लगा दिया गया। मंत्री को एयरपोर्ट छोड़ने जाने की ड्यूटी जबरन उन्हें थमा दी गई। दामाद ने बिलखते हुए बताया कि पापा मंत्री को एयरपोर्ट छोड़ने जा ही रहे थे कि रास्ते में ही उनकी हालत बिगड़ गई। इसकी सूचना विभाग को दी गई और दूसरा ड्राइवर मंत्री के साथ भेज दिया गया। पापा को इलाज के लिए सिविल भेजा गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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