मंत्री हफीजुल हसन ने शरियत को संविधान से बड़ा बताया…मचा सियासी बवाल-Video

April 14, 2025 by No Comments

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Hafizul Hasan: झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन के एक विवादित बयान के बाद पूरे देश में सियासी बवाल मच गया है और उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. दरअसल उन्होंने पिछले दिनों एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में शरिया को संविधान से बड़ा बता दिया था. इसी के बाद से सियासी बवाल मचा हुआ है. तो वहीं आज संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर की जयंती होने पर हफीजुल हसन के बयान के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग उतर आए हैं. तो वहीं भाजपा भी लगातार इस बयान पर झारखंड सरकार को घेर रही है.

जानें क्या कहा था हफीजुल हसन ने?

हफीजुल हसन ने इंटरव्यू देते हुए कहा था, “शरीयत मेरे लिए बड़ा है. हम कुरान को सीने में रखते हैं और हाथ में संविधान रखते हैं.” इसी बयान में आगे उन्होंने कहा था “मुसलमान के दिल में शरीयत होता है और हाथ में संविधान, इस वजह से हम पहले शरीयत को पकड़ते हैं.” संविधान के खिलाफ दिए गए हफीजुल हसन के इस बयान के बाद विपक्ष ने उनकी विचारधारा और संविधान नहीं मानने की बात को लेकर जमकर हमला बोला है और उनसे इस्तीफे की मांग की है. हालांकि इस बयान को लेकर जब हफीजुल हसन से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने अपना बयान पलटते हुए कहा कि दोनों ही हमारे लिए बराबर है. बाबा साहेब के हाथ में संविधान रहता है उसी तरीके से हमारे हाथ में भी संविधान है और दिल में कुरान.

भाजपा ने बोला हमला

भाजपा ने हफीजुल के इस बयान को कट्टर सोच वाला बताया है और कहा है कि पूरे प्रदेश विशेषकर संथाल परगना की सांस्कृतिक पहचान और आदिवासी अस्मिता के लिए खतरा बनती जा रही है. झारखंड के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि “मंत्री हफ़ीजुल हसन के लिए संविधान नहीं, शरीयत मायने रखता है, क्योंकि ये अपने ‘लक्ष्य’ के प्रति स्पष्ट हैं और सिर्फ अपने कौम के प्रति वफादार…चुनाव के समय इन्होंने गरीब, दलित, आदिवासियों के सामने हाथ जोड़कर वोट मांगा और अब अपना इस्लामिक एजेंडा चलाने की कोशिश कर रहे हैं. हफ़ीजुल की यह कट्टर सोच पूरे प्रदेश विशेषकर संथाल परगना की सांस्कृतिक पहचान और आदिवासी अस्मिता के लिए खतरा बनती जा रही है.

बाबूलाल मरांडी ने पोस्ट में आगे कहा, “संवैधानिक पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति यदि कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देता है, तो वह न सिर्फ वर्तमान, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी खतरा उत्पन्न करता है। इस विषय में राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर सभी पक्षों के नेताओं को आत्ममंथन करने की जरूरत है. शरीयत, बाबासाहब द्वारा रचित संविधान की मूल भावना के विपरीत है।” इसी के साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपनी पोस्ट टैग करते हुए लिखा है कि इनमें संविधान के प्रति सच्ची आस्था है, तो उन्हें तुरंत हफ़ीजुल हसन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए.

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