कमलेश तिवारी हत्याकांड मामला: मुख्य गवाह पर हमला, सुरक्षाकर्मी की पिस्टल छीनने की कोशिश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अत्यंत चर्चित रहे हिंदू समाज पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले की एक बार फिर से चर्चा जोरों पर होने लगी जब उसके मुख्य गवाह सौराष्ट्र जीत सिंह पर कुछ कार सवारों ने देर रात हमला बोल दिया। गुरुवार को हुई घटना में कार सवारों ने पहले उन्हें ओवरटेक किया इसके बाद हमला कर दिया। हमले के दौरान सुरक्षा कर्मी कमलेश यादव की भी पिटाई की और उसकी पिस्टल छीनने की पूरी कोशिश की।
गवाह ने बताया पूरा घटनाक्रम
फिलहाल इस संबंध सौराष्ट्र ने गाजीपुर थाने में तहरीर दी और कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों पर हमले का आरोप लगाया। गौरतलब है कि मूल रूप से कुशीनगर के रहने वाले सौराष्ट्र जीत सिंह, लखनऊ में इंदिरानगर न्यू गुरुद्वारा रोड पर रहते हैं। हमले की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि गुरुवार की रात करीब 11:30 बजे वह निशातगंज पेपर मिल कालोनी से सुरक्षाकर्मी कमलेश यादव के साथ स्कार्पियो कार से घर जा रहे थे। तभी रहीमनगर में विंध्यवासिनी गेस्ट हाउस के पास पीछे से आए तीन कार पर सवार बदमाशों ने उनकी कार को ओवरटेक कर उन्हें रुकने के लिए मजबूर कर दिया। इस पर वह कार से बाहर निकले तो उनके ऊपर 20 से 25 लोगों ने हमला बोल दिया और जमकर मार-पीट की। बचाव में दौड़े सुरक्षाकर्मी को भी हमलावरों ने पीटा और उसकी पिस्टल छीनने का भरसक प्रयत्न किया। इस पर सुरक्षाकर्मी ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। जब तक पुलिस मौके पर पहुंची कि हमलावर फरार हो गए। सौराष्ट्र सिंह ने बताया कि वह तहरीर लेकर गाजीपुर थाने पहुंचे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
इन लोगों पर लगाया आरोप
सौराष्ट्र सिंह ने बताया कि वह कमलेश तिवारी की हत्याकांड के मुख्य गवाह हैं। हत्यारोपित उन्हें मारने की योजना बना रहे हैं। जो हमला किया गया है वह हत्या की साजिश के तहत किया गया है। पुलिस मामले में लापरवाही कर रही है। फिलहाल सौराष्ट्र ने हमलावरों पर कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि उन्हें पहले भी कई बार धमकी मिल चुकी है। अगर उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो इसका कौन जिम्मेदार होगा।
इंस्पेक्टर ने कहा ये
इस सम्बंध में इंस्पेक्टर गाजीपुर अनिल कुमार ने बताया कि सौराष्ट्र की कार से एक कार की टक्कर हो गई थी। इसी को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया था। फिलहाल थाने में कोई तहरीर नहीं दी गई है।
2019 में हुई थी कमलेश की हत्या
गौरतलब है कि हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या 18 अक्टूबर 2019 को लखनऊ में हुई थी। इस मामले में जेल में दो आरोपी बंद हैं जिनपर रासुका लगी हुई है। इस मामले में करीब साल भर पहले तत्कालीन लखनऊ जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक प्रकाश दो आरोपी युसुफ खान और हाशिम अली पर एक्शन ले चुके हैं। तत्कालीन खबरों के मुताबिक लखनऊ के खुर्शीदाबाद इलाके में स्थित ऑफिस में ही कमलेश तिवारी की हत्या की गई थी। आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश से लेकर गुजरात तक पुलिस को अभियान चलाना पड़ा था। दिसम्बर 2019 में ही पुलिस ने चार्जशीट दायर कर दी थी, जिसमें 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने सभी आरोपियों पर गैंगेस्टर एक्ट भी लगाया था। कुछ को इस मामले में जमानत मिल गई थी। फिलहाल दो आरोपी जेल में बंद हैं।