Students Protest: UPPSC के सामने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने जबरन बस में ठूंसा…छात्राओं ने लगाया अभद्रता का आरोप-Video

November 14, 2024 by No Comments

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Prayagraj Students Protest: कुछ मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के सामने लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों को आज सुबह करीब 8:00 बजे मौके पर अचानक पुलिस फोर्स पहुंची और कुछ छात्रों को घसीट ले गई. इस सम्बंध में सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस छात्रों को जबरन पुलिस बस में ठूस रही है और धरना प्रदर्शन स्थल से उनको उठा रही है. पुलिस का कहना है कि ये जगह धरना प्रदर्शन के लिए नहीं है. धरना प्रदर्शन के लिए जो जगह बनाई गई है वहां पर जाकर प्रदर्शन करें.

तो वहीं इनमें छात्र नेता आशुतोष पांडे भी शामिल हैं जो उसे वक्त धरने का नेतृत्व कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस खींचतान में धरने पर बैठी कई छात्राओं को चोट लगी है तो वहीं छात्र-छात्राओं का आरोप है कि तमाम पुलिस कर्मी बिना वर्दी के थे और छात्राओं को हटाने के लिए महिला पुलिसकर्मी नहीं थी. उनके साथ अभद्रता की गई है.

तो वहीं अब छात्राओं ने ही मोर्चा संभाल लिया है और धरने का खुद नेतृत्व कर रही हैं। हालांकि कई मौकों पर पुलिस भी इन आंदोलनकारी छात्रों के सामने बेबस दिखी है. मालूम हो कि पिछले 4 दिन से छात्र-छात्राएं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के नॉर्मलाइजेशन और दो शिफ्ट में हो रही परीक्षा के खिलाफ अभ्यर्थी छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. गुरुवार को छात्र मुख्यालय के बाहर जुटे. इसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस टीम के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की तैनाती की गई है. यूपीपीएससी के खिलाफ प्रतियोगी अभ्यर्थियों का आंदोलन लगातार जारी है.

इसलिए किया गया नार्मलाइजेशन

नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ खड़े अभ्यर्थियों के एक वर्ग के मामले को लेकर आयोग के प्रवक्ता ने कहा था कि आयोग की परीक्षाओं की शुचिता एवं छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केंद्रों पर कराई जा रही हैं, जहां किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं है. मीडिया से बात करते हुए उन्होने ये भी कहा कि पहले दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां पाई जा चुकी हैं. ऐसे में योग्य छात्रों का भविष्य अनिश्चित बन जाता है. इसे खत्म करने के लिए एवं संपूर्ण परीक्षा मेरिट के आधार पर संपन्न कराने के लिए इन केंद्रों को हटाया गया है. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) ‘प्री’ और समीक्षा अधिकारी (आरओ) सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की परीक्षा दो दिन कराने के निर्णय के विरोध में छात्रों ने सोमवार को लोक सेवा आयोग के गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू किया जो लगातार चौथे दिन भी जारी है.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी उतरा अभ्यर्थियों के साथ

इस आंदोलन के बीच जहां एक ओर से आरोप लग रहे हैं कि भोले-भाले छात्रों को सपा बहकाने का प्रयास कर रही है. इस मामले मे कई सपा नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया है तो वहीं अब इस आंदोलन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) भी कूद गया है और आयोग से मांग करते हुए कहा है कि अभ्यर्थियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए परीक्षा केंद्रों के व्यवस्थापन एवं निर्धारण, नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण), परीक्षाओं को दो पाली में कराने एवं परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने के लिए आयोजन संबंधी विषयों पर अभ्यर्थियों से बातचीत शीघ्र सकारात्मक उचित कदम उठाने की मांग करती है. ABVP ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन, शुचिता एवं पारदर्शिता से संबंधित अभ्यर्थियों की चिंताओं का जल्द निराकरण करने की मांग की ताकि अभ्यर्थी परीक्षा की तैयारी बिना किसी आशंका एवं संदेह के कर सकें.

आज प्रयागराज में अखिलेश

उत्तर प्रदेश स्थित प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस द्वारा हटाए जाने को लेकर खबर सामने आ रही है कि आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव का प्रयागराज दौरा प्रस्तावित है. माना जा रहा है कि वह फूलपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार के बाद प्रयागराज आकर आंदोलित छात्रों से मुलाकात कर सकते हैं. फिलहाल भी तक उनके इस कार्यक्रम की कोई पुष्टि नहीं हुई है. तो दूसरी ओर छात्रों के हटाए जाने से मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। धरना स्थल के चारों तरफ बैरिकेडिंग और अधिक कर दी गई है. छात्र पुलिस प्रशासन के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। प्रयागराज के डीसीपी अभिषेक भारती ने इसको लेकर कहा कि छात्र राज्य पीएससी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे संवैधानिक तरीके से अपना विरोध जारी रखें और उनकी मांगों को अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।

सपा नेता समेत तीन को जेल

मालूम हो कि उप्र. लोकसेवा आयोग के बाहर चल रहे प्रदर्शन के दौरान सरकारी बैरियर, कोचिंग का बोर्ड तोड़ने व अशांति फैलाने के मामले में पहले ही यानी बुधवार को पुलिस द्वारा बड़ी कार्रवाई की जा चुकी है। पुलिस ने सपा नेता के साथ ही तीन लोगों को जेल भेज दिया है. सपा नेता के साथ ही दो लोगों पर एक दिन पहले मुकदमा दर्ज कराया गया था जबकि एक अन्य आरोपी का शांतिभंग में चालान किया गया था. अज्ञात आरोपियों की पुलिस पहचान करने में जुटी है. सिविल लाइंस थाने में लोकसेवा आयोग चौकी प्रभारी कृष्णमुरारी चौरसिया की तहरीर पर कुल 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। इनमें से दो नामजद जबकि शेष अज्ञात थे। पुलिस अज्ञात आरोपियों को चिह्नित करने के लिए वीडियो फुटेज खंगालने में जुटी है।

इन लोगों को भेजा गया है जेल

सपा लोहिया वाहिनी का राष्ट्रीय महासचिव राघवेंद्र यादव, अभिषेक शुक्ला व शशांक दुबे पर प्रदर्शन को भड़काने का आरोप लगा है और इन लोगों को जेल भेजा गया है. राघवेंद्र व अभिषेक सिविल लाइंस थाने में दर्ज मुकदमे में नामजद आरोपी हैं। राघवेंद्र मूल रूप से जौनपुर व अभिषेक मिर्जापुर का रहने वाला है। पुलिस का दावा है कि मंगलवार को सरकारी बैरियर, कोचिंग का बोर्ड तोड़ने वालों में दोनों शामिल थे। इन लोगों को वीडियो फुटेज के जरिए चिह्नित किया गया है।

कोचिंग को बंद कराने की कोशिश

पुलिस ने मीडिया को बताया कि जेल भेजा गया तीसरा आरोपी शशांक मूल रूप से करौरा, औरैया का रहने वाला है जो यहां रहकर खुद को प्रतियोगी छात्र बताता है। वह उन 10 लोगों में शामिल था जिन्हें मंगलवार को आंदोलन की आड़ में अशांति फैलाने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। इनमें से नौ को तो एसीपी कोर्ट से जमानत दे दी गई लेकिन शशांक को जेल भेज दिया गया। इसके ऊपर कोचिंग बंद करवाने की कोशिश करने का आरोप है. आरोपी आयोग के पास भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा था। इसी के साथ ही पुलिस ने कहा कि बुधवार को असामाजिक तत्वों द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। वे छात्र नहीं बल्कि असामाजिक तत्व हैं, जिनका आपराधिक इतिहास है। ऐसे असामाजिक तत्व विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बन रहे हैं और छात्रों को भड़का रहे हैं। उनकी पहचान की जा रही है और उनसे पूछताछ की जा रही है।

एफआईआर में लगाया गया है ये आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चौकी प्रभारी की ओर से एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि मंगलवार को दोपहर करीब एक बजे आयोग के गेट नंबर दो के सामने नगर निगम के खंभे पर लगा कोचिंग का बोर्ड कुछ अराजक तत्वों ने सरकारी लोहे के मोबाइल बैरियर पर चढ़कर तोड़ दिया। इस वजह से सरकारी बैरियर भी क्षतिग्रस्त कर दिया। तो वहीं डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने बताया कि एक दिन पहले दर्ज मुकदमे के दो नामजद आरोपियों को जेल भेजा गया है। एक अन्य का शांतिभंग में चालान किया गया है। शेष नौ को जमानत मिल गई है।

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