Telecom Bill 2023: अब फर्जी सिम के बेचने और खरीदने पर लगेगा करोड़ों का जुर्माना, नए नियम जारी

December 23, 2023 by No Comments

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Telecom Bill 2023: बीते बुधवार को लोकसभा में टेलीकॉम बिल 2023 पास होने के बाद गुरुवार को राज्यसभा से भी पास हो गया है और अब सिम (SIM) कार्ड बेचने और खरीदने के लिए नए नियम लागू कर दिए गए हैं. आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर इस बिल को बनाया गया है. इस बिल के मुताबिक, अगर फर्जी सिम खरीदी व बेची गई तो लाखों का जुर्माना लगाया जाएगा. अगर कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है तो उस पर लाखों का जुर्माना और कई साल की सजा का प्रावधान किया गया है.

देखें क्या है इसकी महत्वर्ण बातें

सबसे पहले आपको ये बता दें कि नया बिल 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम को रिप्लेस करेगा. नए बिल के तहत यदि कोई व्यक्ति गलत तरीके से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है (टेलीकॉम गैजेट्स के जरिए जैसे मोबाइल, सिमकार्ड, WiFi आदि) या इस तरह के कार्य में शामिल पाया जाता है तो उसे 3 साल की सजा या 2 करोड़ का फाइन भरना होगा. इसी के साथ ही ये दोनों सजा भी दी जा सकती हैं. यदि टेलीकॉम ऑपरेटर को कोई नुकसान होता है तो 50 लाख का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. साथ ही सरकारी अधिकारी और सरकार के पास ये अधिकार होगा वे सम्बंधित व्यक्ति का कनेक्शन को टैप और जरूरत पड़ने पर हमेशा के लिए रद्द भी कर सकते हैं.

सिम क्लोन करना भी अब होगा क्राइम
अगर कोई व्यक्ति किसी सिम को गलत तरीके से क्लोन करता है, यानि उसी सिम को अपने नाम पर इशू करता है तो ये भी एक अपराध माना जाएगा. नए बिल के तहत अब आपको प्रोमोशनल मैसेज भेजने से पहले कंपनियों को आपकी परमिशन लेनी होगी. यदि बिना परमिशन के आपको कॉल की जाती हैं तो 2 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

फर्जी सिम लेने पर इतने का होगा जुर्माना
अगर कोई व्यक्ति फर्जी ID से सिमकार्ड लेता है तो उसे 3 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना भरना पड़ सकता है. या ये दोनों सजा भी मिल सकती है. सिम कार्ड बेचने वाले दुकानदारों के लिए वेरिफिकेशन जरुरी है. इसके बिना वे अब कोई भी सिम नहीं बेच पाएंगे. साथ ही ग्राहकों का भी बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अब मेंडेटरी है.

जनहित में भेजा जा सकता है मैसेज, नहीं होगी कोई रोक
वहीं ये बात भी सामने आ रही है क, नए नियम के तहत अगर कोई मैसेज जनहित में है तो इस तरह के सन्देश टेलीकॉम कंपनियां बिना किसी परमिशन के भेज सकती हैं. जैसे कोई सरकारी हेल्थ स्कीम से जुड़ा मैसेज या आपातकालीन समय में आदि.