एग्जिट पोल दिखाने पर होगी दो साल की सजा व जुर्माना, चुनाव आयोग ने 10 फरवरी से 7 मार्च तक लगाई रोक, पढ़ें आर्डर
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव-2022 (UP ASSEMBLY ELECTION-2022) में चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल दिखाने पर रोक लगा कर एक बड़ा फैसला लिया है। यह रोक 10 फरवरी से 7 मार्च तक रहेगी। अर्थात पहले चरण के मतदान से अंतिम चरण तक के मतदान के बीच में यह रोक लागू होगी। इस दौरान टीवी चैनलों और अखबारों में एग्जिट पोल दिखाने पर पूरी तरह से रोक रहेगी। अगर चुनाव आयोग के इस फैसले का उल्लंघन किया जाता है तो दो साल की सजा और जुर्माने का भुगतान करना होगा।
जानें किन-किन राजनीतिक दलों ने की थी मांग
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सबसे पहले यूपी चुनाव के टीवी चैनल के एग्जिट पोल पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके बाद सपा ने 21 जनवरी को ओपिनियन पोल पर रोक लगाने की मांग उठाई। इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने भी एग्जिट पोल पर रोक लगाने की चुनाव आयोग से मांग की थी।
ओपिनियन पोल के दावे 90 फीसदी तक साबित हुए हैं फर्जी
मीडिया सूत्रों की मानें तो ओपिनियन पोल्स कई बार फर्जी साबित हुए हैं। यूपी से लेकर बंगाल, पुडुचेरी, बिहार तक इसकी फर्जी गाथा बिखरी पड़ी हैं। अगर पिछले नतीजों को देखें तो मालूम चलेगा कि 90 फीसदी मामलों में एग्जिट पोल के नतीजे गलत साबित हुए हैं। बता दें कि पोल करने वाली कंपनियों ने बंगाल में भाजपा को 135 से 183 सीटें दी थीं, लेकिन जब नतीजा सामने आया तो मात्र 77 सीटें ही भाजपा को मिलीं।
इसी तरह बिहार में 2015 और 2020 में भी इसके दावे गलत साबित हुए। 2015 में लालू-नीतीश की पार्टी की सीटों पर भाजपा ने बढ़त बताई, जबकि नतीजा सामने आने पर RJD-JDU को 178 और भाजपा को सिर्फ 58 सीटें ही मिलीं। 2020 में तो और भी बड़ा फर्जी साबित हुआ ये पोल। बताया कि बिहार में आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन 161 सीट पर जीत रही है, लेकिन नतीजा आया तो 110 पर ही गठबंधन सरेंडर हो गया।
इसी तरह ओपिनियन पोल बिहार, पुडुचेरी, बंगाल के अलावा छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश में भी फेल रहा। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस-भाजपा की मजबूत टक्कर बताई गई, लेकिन नतीजा जब आया तो 90 में से 68 सीटें ही कांग्रेस को मिलीं। हरियाणा में भाजपा की प्रचंड सरकार बनने की घोषणा की लेकिन नतीजा आया तो गठबंधन से कुर्सी बच सकी। तो वहीं मध्य प्रदेश में BJP को 128 सीट के साथ बहुमत दिखाया लेकिन जब नतीजा आया तो कांग्रेस को बहुमत मिला।
इसी तरह 2017 के यूपी के ओपिनियन पोल भी गलत ही साबित हुए। इंडिया टुडे ने कहा था कि170-183 सीटें BJP को, ABP ने 164-176, न्यूज एक्स के पोल में 185 सीटें यूपी में मिल रही थी, लेकिन जब नतीजा आया तो सब फर्जी साबित हुआ और बीजेपी गठबंधन पहुंच गया 325 पर। बसपा को 90 सीट का दावेदार बताया गया लेकिन वह 19 पर सिमट कर रह गई थी। तो वहीं सपा को 170 सीटें मिलने का दावा किया जा रहा था, लेकिन नतीजे आए तो 47 पर ही सिमट कर रह गई।