UP News: प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर पर रसोईया सहित 18 छात्राओं ने लगाया यौन शोषण का आरोप, पुलिस को दिए शिकायती पत्र में कही ये बात, BSA ने लिया बड़ा एक्शन
UP News: शिक्षा के मंदिर को शर्मसार करती एक खबर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उन्नाव (Unnao) जिले से सामने आ रही है. यहां कोतवाली क्षेत्र के सिकंदरपुर सरोसी ब्लॉक के एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने वाले हेडमास्टर पर एक-दो नहीं बल्कि 18 छात्राओं के साथ ही रसोईया ने भी यौन शोषण का आरोप लगाया है. इसके बाद से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कम्प मच गया है. रसोईया ने मामले को लेकर पुलिस को शिकायती पत्र दिया है और बताया है कि, “विद्यालय का प्रधानाध्यापक मेरे और स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं के साथ कई बार अश्लील हरकतें कर चुका है. मना करने पर जान से मारने की धमकी देता था.” रसोईया ने दावा किया कि हिम्मत जुटाकर वह ये शिकायत दर्ज करा पा रही है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है. दूसरी ओर इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लिया है.
सदर कोतवाली क्षेत्र के सरोसी गांव की रहने वाली महिला ने पुलिस को तहरीर दी है और बताया है कि, वह गांव के ही एक प्राधमिक विद्यालय में रसोइया के पद पर कार्यरत है और इसी स्कूल में उसके बच्चे भी पढ़ते हैं. इसी के साथ उसने ये भी कहा कि, स्कूल की बच्चियों ने बताया कि स्कूल प्रधानाध्यापक राजेश कुमार बच्चियों को अपने पास बुलाकर उनके साथ अश्लील हरकतें व बदसलूकी कर गलत इशारे करता है. रसोइया ने ये भी कहा कि, उसने और बच्चियों ने मिलकर स्कूल की शिक्षिका से भी इसकी शिकायत की थी और इसके बाद स्कूल शिक्षिका व शिक्षक को एक दर्जन से अधिक बच्चियों ने प्रधानाध्यापक की हरकत को लेकर शिकायत की थी. रसोइया की शिकायत के बाद पुलिस ने तहरीर के आधार पर हेडमास्टर राजेश पर छेड़छाड़ व पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है. उसकी तलाश की जा रही है. वहीं जिला बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा हेडमास्टर राजेश कुमार को निलम्बित कर दिया गया है. तो दूसरी ओर उस पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी पहुंची
इस मामले की जानकारी पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम स्कूल पहुंच गई है. आयोग की टीम ने सात से 14 वर्ष आयु वर्ग की छात्राओं से इस सम्बंध में पूछताछ की तो करीब 18 छात्राओं ने बताया कि, खेल-खेल में, पैसे देकर बहा फुसलाकर उनके साथ छेड़छाड़ किया गया है. छह घंटे तक टीम स्कूल में रही और अभिभावकों व शिक्षकों के भी बयान लिए. छात्राओं ने बताया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश कुमार करीब दो वर्षों से अपने कमरे में बुलाकर उनके साथ अश्लील हरकत करते आ रहे हैं. इस मामले में कुछ पूर्व छात्राओं का नाम भी सामने आया है, लेकिन उनके बयान के लिए आयोग की टीम उनके विद्यालय नहीं पहुंच सकी है. राष्ट्रीय राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य प्रीति भारद्वाज ने मीडिया को बताया कि, छात्राओं, उनके अभिभावकों और शिक्षकों समेत 29 लोगों के बयान इस मामले में दर्ज किए गए हैं. रसोईया ने इस मामले में तहरीर दी है, जिस के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.