UP News: घूंघट डालकर देहाती मरीज बनीं SDM, पहुंची सरकारी अस्पताल, सच्चाई देख उड़े होश, वायरल हुआ Video, अखिलेश ने दी ये सलाह
UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फिरोजाबाद (Firozabad) में उपजिलाधिकारी सदर (SDM) कृति राज ने घूंघट में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया तो हालात देखकर उनके होश उड़ गए. दरअसल उनको लगातार सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को लेकर शिकायतें मिल रही थीं. इसी के बाद उन्होंने घूंघट में छापा मारने की योजना बनाई और देहाती मरीज बनकर अस्पताल पहुंच गईं. इस पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है तो वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है और महिला अधिकारी के साहस की प्रशंसा की है.
दवाएं मिली एक्सपायरी
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को एसडीएम सदर कृतिराज ने घूंघट में मरीज बनकर दीदामई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में निरीक्षण के लिए पहुंचीं. वह सबसे पहले, मरीजों के साथ पर्चा बनवाने के लिए कतार में खड़ी हुईं। मरीजों की भीड़ लगी थी, लेकिन बनाने वाला कर्मचारी नहीं था। उनका पर्चा भी काफी देर में बना. इसके बाद वह इंजेक्शन लगवाने के लिए काउंटर पर पहुंच गईं। यहां एंटी रेबीज का इंजेक्शन मनमाने ढंग से लगाया जा रहा था। इसके बाद वो स्टोर में पहुंचीं तो उनके होश उड़ गए. यहां दवाएं एक्सपॉयरी मिलीं. तो वहीं वार्डों के गद्दों में धूल जमी थी। शौचालय की साफ-सफाई व्यवस्था बदहाल थी। खबरों की मानें तो एसडीएम सदर कृतिराज को सीयूजी नंबर पर सूचना मिली कि शहर की नई आबादी वाले दीदामई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तमाम अव्यवस्थाएं हैं। इस पर एसडीएम सदर स्टाफ के साथ दीदामई अस्पताल पहुंच गईं और अस्पताल की तमाम समस्याएं उजागर हो गईं.
जिलाधिकारी को भेजी जाएगी रिपोर्ट
इसके बाद उन्होंने सीएससी के इस हालात की रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को भेजने का निर्णय लिया है, जिससे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सुरक्षा गार्ड के साथ स्टेनो प्रदीप कुमार, रवि सारस्वत के साथ अन्य स्टाफ से पूरी स्थिति को दिखवाया। उन्होंने हिदायत दी कि मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। डिलीवरी रूम में उन्हें कोई मरीज नहीं मिला। एसडीएम सदर कृतिराज ने बताया कि मरीज के रूप में जाने से हकीकत सामने आई है।
मिली थी शिकायत
कृति राज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ”मुझे दीदा माई स्वास्थ्य केंद्र के संबंध में शिकायत मिली थी कि कुत्ते के काटने का इंजेक्शन लगाने के लिए डॉक्टर सुबह 10 बजे के बाद भी मौजूद नहीं थे। मैं वहां गुमनाम रूप से घूंघट में गई थी। डॉक्टर का व्यवहार उचित नहीं था। अधिकांश दवाओं का स्टॉक समाप्त हो चुका था। साफ-सफाई भी नहीं रखी गई थी।