UPTET PAPER LEAK CASE:कांग्रेस नेता मोना ने योगी पर किया पलटवार, पूछा कहां है बुलडोजर, सरकार माफियाओं को दे रही है रोजगार
लखनऊ। हाल ही में UPTET (उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा) पेपर लीक होने के बाद रद्द की गई परीक्षा के बाद से ही कांग्रेस प्रदेश सरकार पर वार पर वार कर रही है। इसी क्रम में शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने आरोप लगाया कि यूपीटीईटी (UPTET) पेपर लीक कांड सीधे बीजेपी (भाजपा) सरकार के संरक्षण में हुआ है। इस वजह से 20 लाख नौजवानों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। इस मौके पर उन्होंने UPTET पेपर लीक कांड के मुख्य आरोपी राय अनूप प्रसाद और बीजेपी के रिश्तों को लेकर सवाल उठाया और कहा कि आरोपी बिहार में बीजेपी के विधायक का भाई और मुख्यमंत्री योगी के गृह जिले गोरखपुर का है। उसने सरकार के संरक्षण में इस घोटाले को अंजाम दिया। अब बात-बात पर बुलडोजर चलवाने की धमकी देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतायें कि परीक्षा पेपर लीक कराने वालों के घर पर बुलडोजर कब चलेगा।
आराधना मिश्रा ने कहा कि 70 लाख नौजवानों को रोजगार देने का वादा करके सत्ता में भाजपा आयी था और आज खुद ही 4 लाख 30 हज़ार रोजगार देने की बात मान रही है। इसका मतलब जो वादा किया था वो पिछले साढ़े चार सालों में नहीं निभा सकी। और तो और सरकार की विदाई के वक्त एक बार फिर नौजवानों के भविष्य के साथ भाजपा ने खिलवाड़ किया है। एसटीएफ ने प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड के रूप में गोरखपुर निवासी जिस राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया है उसने अपने प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए सीधे परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय से पेपर आउट करने की डील की थी। अनूप प्रसाद की कंपनी आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड न मानकों पर खरी थी और न उसके पास इसका अनुभव ही था। हालत ये है कि इस कंपनी के दिल्ली स्थित बदरपुर के पते पर एक बीयर गोदाम पाया गया है। चूंकि अनूप प्रसाद बिहार के नरकटियागंज क्षेत्र की बीजेपी विधायक रश्मि वर्मा का भाई है इसलिए सरकार उस पर मेहरबान बनी हुई है। यही वजह है कि परीक्षा एजेंसी द्वारा चयन में मौके का स्थलीय निरीक्षण भी नहीं किया गया। सभी नियम और शर्तों को ताख पर रखकर परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय ने अनूप प्रसाद की कंपनी को बिना कोई गोपनीय जांच कराए और निरीक्षण के बिना वर्क आर्डर दिया।
सरकार बनने के बाद से ही जारी है पेपर लीक कांड
मोना ने आरोप लगाते हुए कहा कि 2019 में भाजपा सरकार के बनते ही नकल माफिया प्रदेश में हावी हो गए थे और फिर पेपर लीक कांड भी शुरू हो गया था। मोना ने दावा किया कि सबसे पहले अगस्त 2017 में सब-इंस्पेक्टर पेपर लीक हुआ, फिर फरवरी 2018 UPPCL पेपर लीक, अप्रैल 2018 UP पुलिस का पेपर लीक, जुलाई 2018 अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड का पेपर लीक, अगस्त 2018 स्वास्थ्य विभाग प्रोन्नत पेपर में भ्रष्टाचार, सितंबर 2018 नलकूप आपरेटर पेपर लीक, 41520 सिपाही भर्ती पेपर लीक कांड हुआ। जुलाई 2020 में 69000 शिक्षक भर्ती पेपर लीक, अगस्त 2021 बीएड प्रवेश परीक्षा पेपर लीक, अगस्त 2021 PET पेपर लीक, अक्टूबर 2021 सहायता प्राप्त स्कूल शिक्षक/प्रधानाचार्य पेपर लीक, अगस्त 2021 UPTGT पेपर लीक, NEET पेपर लीक, NDA पेपर लीक, SSC पेपर लीक इसका उदाहरण है। अब भाजपा सरकार की विदाई के समय भी UPTET पेपर लीक हो गया।
माफियाओं को दिया जा रहा है रोजगार
मोना ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ परीक्षा की तैयारी करने वाले नौजवानों को नहीं, बल्कि नकल माफियाओं को रोजगार दे रहे हैं। वादा था 70 लाख रोजगार देकर No1 बनाने का लेकिन पेपर लीक कराने में उत्तर प्रदेश को No1 बना दिया। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले जिम्मेदार जिन बड़ी मछलियां को बचाया जा रहा है उनकी गिरफ्तारी हो। ऐसे में विभागीय मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। अगर योगी सरकार नौजवानों के हितैषी हैं तो विभागीय मंत्री और शासन स्तर के अधिकारियों को जल्द से जल्द बर्खास्त करें। साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो। ताकि मुख्य अपराधियों का सच बाहर आ सके।