INDEPENDENCE DAY: स्वतंत्रता दिवस के बाद मिल रही है कैदियों के परिजनों को ‘स्वतंत्रता’, देखें कैसे
लखनऊ। एक तो जेल की तन्हाई औऱ सजा तो दूसरे कोरोना का कहर। इन दोनों ने ही पिछले डेढ़ साल से कैदियों का जीना दूभर कर दिया था। दरअसल जेल में कैदियों के लिए बस अपनों के मिलने आने का इंतजार होता है, ताकि उनको अपने घर की खैर-खबर मिल सके, अपनों से मिनट- दो मिनट बैठ कर कुछ सुख-दुख की बात कर लें लेकिन COVID-19 ने उनसे यह भी छीन लिया था, लेकिन इस स्वतंत्रता दिवस के बाद कैदियों के परिजनों को भी अपने कैदी भाई-बंधू से मिलने की स्वतंत्रता मिल रही है। मतलब 16 अगस्त से कैदियों के परिजन जेल में जाकर मुलाकात कर सकेंगे।
गौरतलब है कि कोरोना के चलते करीब डेढ़ साल से जेलों में कैदियों और बंदियों की परिवारीजनों से मुलाकात बंद कर दी गई थी, ताकि जेल में किसी तरह से भी कोरना महामारी न फैल सके। इसी वजह से कैदी भी अपने परिजनों से नहीं मिल पा रहे थे, लेकिन स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के ठीक एक दिन बाद 16 अगस्त से फिर से मुलाकत शुरू हो जाएगी।
देना होगा कोरोना सर्टीफिकेट
कैदियों से परिजन मिल तो सकेंगे लेकिन उनको दो गज की दूरी बना कर रखनी होगी और मास्क लगाना होगा। अर्थात कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा पालन करना होगा। साथ ही मिलाई से 72 घंटे के अंदर कैदी और बंदियों से मिलने वाले परिवारीजनों को अपना आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराना होगा। शासन ने जेल मुख्यालय को यह आदेश दिया है। इसके बाद डीजी जेल आनंद कुमार ने सभी जेलों के लिए यह आदेश जारी कर दिया है। ताकि सालों से अपने परिजनों से न मिल सकने वाले कैदी अपनों से अब मिल सकें, जब कि देश भर में धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो रहा है।
इन शर्तों को मानना है जरूरी
घर वालों को मिलाई के लिए 72 घंटे से पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट देनी होगी। मतलब कोरोना सर्टिफिकेट देने होगा। ताकि यह मालूम हो सके कि कहीं आप कोरोना पॉजिटिव तो नहीं।
कोरोना की स्थति को सप्ताह में सिर्फ एक बार अधिकतम दो लोग कैदियों और बंदियों से मिल सकेंगे।
मुलाकात के समय दो गज की दूरी और मास्क को जरूरी बनाया गया है। थर्मल स्कैनर से ट्रेम्परेचर चेक किया जाएगा। सैनिटाइजेशन भी जरूरी होगा।
घर वालों से मिलाई के बाद कैदियों और बंदियों को जेल की बैरक में दाखिल करने से पहले उनको सैनिटाइज किया जाएगा।