छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए AKTU और IIIT पुणे के बीच हुआ समझौता, मिलेगा 10 हजार, कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने छात्रों के हित में लिए 9 महत्वपूर्ण फैसले
लखनऊ। संकाय और छात्र विनिमय, सहयोगी परियोजनाओं, कौशल विकास के लिए आईआईआईटी (IIIT) पुणे और एकेटीयू ( AKTU-डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय) के साथ शुक्रवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर क्या गया है। आईआईआईटी पुणे की विशिष्ट विशेषता यह है कि वे पाठ्यक्रम में औद्योगिक संबंधों के साथ आत्मनिर्भर परास्नातक कार्यक्रम के साथ आए हैं। इस मौके पर निदेशक आईआईआईटी पुणे और वीसी एकेटीयू प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा आदि मौजूद रहे।
इस समझौते के होने के बाद डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के छात्र अब आईआईआईटी पुणे में इंटर्नशिप कर सकेंगे। फैकल्टीज का आदान-प्रदान भी होगा। एक दूसरे के सहयोग से प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा। साथ ही स्किल डेवलपमेंट पर काम करेंगे। शुक्रवार को ऐसे ही कई और मुद्दों पर दोनों संस्थानों ने एमओयू साइन किया गया है।
दोनों संस्थानों के बीच हुए समझौते के तहत आने वाले समय में एकेटीयू के छात्र आईआईआईटी पुणे में इंटर्नशिप कर सकेंगे। इंटर्नशिप के लिए छात्रों का चयन तय मानकों पर किया जाएगा। दोनों संस्थानों के विशेषज्ञ शिक्षक छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे। मसलन, एकेटीयू के विशेषज्ञ नैनो तकनीकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित अन्य नये इंजीनियरिंग विषयों की जानकारी आईआईआईटी पुणे के छात्रों को देंगे। उसी तरह वहां के विशेषज्ञ शिक्षक एकेटीयू के छात्रों से अपना अनुभव साझा करेंगे। साथ ही दोनों संस्थानों के बीच स्किल डेवलपमेंट को लेकर भी सहमति बनी है।
इसका सीधा फायदा छात्रों को मिलेगा। इसके साथ ही कई मुद्दों पर करार हुआ। वहीं, आईआईआईटी पुणे अपने यहां इंडस्ट्रीज से टाइअप करके पीजी लेवल पर एक ऐसे प्रोग्राम को चला रहा हैं जो उद्योगों की मांग के मुताबिक है। इसका पाठ्यक्रम भी औद्योगिक मांग के अनुसार तय किया गया है। जिसे करने के बाद छात्रों को सीधे रोजगार मिल जाता है। यह अपने आप में अलग तरह का प्रयोग है। एमओयू पर कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र और आईआईआईटी के निदेशक प्रो. अनुपम शुक्ल ने साइन किये। कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि दोनों संस्थानों के बीच हुए समझौते का फायदा छात्रों को मिलेगा। इस मौके पर एमएनआईटी प्रयागराज के प्रो. आरएन तिवारी, आईईटी के कार्यवाहक निदेशक प्रो. जेबी श्रीवास्तव, कुलसचिव नंदलाल सिंह, प्रति कुलपति प्रो. मनीष गौड़ सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
मिलेगा दस हजार
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की विद्यापरिषद की बैठक में बुधवार को महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज में पढ़ने वाले छात्रों को पढ़ाई के साथ कमाई करने का अवसर दिए जाने का फैसला किया गया। इसके तहत छात्र सेंटर के लैब में कुछ घंटे काम कर सकते हैं। इसके पारिश्रमिक के रूप में उन्हें करीब दस हजार रूपये दिये जाएंगे।
अब एमटेक के साथ भी कर सकेंगे पीएचडी
नई शिक्षा नीति के तहत बैठक में छात्रों के हित में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इसके तहत अब एमटेक पीएचडी इंटीग्रेटेड करने को हरी झंडी दे दी गयी। छात्र एक साथ एमटेक और पीएचडी कर सकते हैं। इसमें प्रवेश एमटेक की तरह ही होगा।
विलम्ब शुल्क होगा आधा
AKTU में बुधवार को विद्यापरिषद की 66 वीं बैठक हुई। इसमें कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने अध्यक्षता करते हुए छात्र हित से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिये। विलम्ब शुल्क को आधा करने का भी निर्णय लिया गया। इसी के साथ परीक्षाओं के लिए प्रश्न बैंक बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गयी। साथ ही विश्वविद्यालय में दो विभाग स्थापित करने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी गयी। वहीं, वास्तुकला एवं योजना संकाय में एक और कोर्स को संचालित करने सहित कई अन्य निर्णय भी लिये गये।
विद्यार्थियों को इस तरह दी गई है राहत
विलम्ब शुल्क कम कर दिया गया है। विश्वविद्यालय उन छात्रों से जो समय रहते परीक्षा फॉर्म नहीं भरते, उत्तर पुस्तिकाओं में गलत रोल नंबर लिख देते हैं या बारकोड को खराब कर देते हैं उनसे निर्धारित विलंब शुल्क लेता है। ऐसे विद्यार्थियों से विलम्ब शुल्क आधा लिया जाएगा। इस फैसले से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को काफी राहत मिलेगी। कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि छात्रों से आर्थिक बोझ कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
प्रश्न बैंक होगा तैयार
एकेटीयू जल्द ही परीक्षाओं के लिए प्रश्न बैंक तैयार करने जा रहा है। इस सम्बंध में कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि इसके तहत उच्च शिक्षण संस्थाओं के विषय विशेषज्ञों को नामित करते हुए पाठ्यक्रमवार व ब्रांचवार समिति गठित कर प्रश्न बैंक बनाया जाएगा। प्रश्न पत्रों में चार सेक्शन होंगे। जिसमें पहला वस्तुनिष्ठ प्रश्न, दूसरा, लघु उत्तरीय प्रश्न, तीसरा दीर्घ उत्तरीय प्रश्न और चौथा दीर्घ उत्तरीय कठिन स्तर के प्रश्न होंगे। प्रश्न बैंक में प्रश्नों को 5 से 10 सालों के लिए तैयार कराया जाएगा। वहीं प्रत्येक तीन वर्ष बाद प्रश्न बैंक में नये प्रश्नों को तैयार कराया जाएगा।
परिसर में होगी बीफार्मा और एमबीए की पढ़ाई
एकेटीयू परिसर में दो नए विभाग स्थापित करने पर भी निर्णय लिया गया। इसके तहत फॉर्मेसी विभाग खोला जाएगा जिसमें बीफार्मा की पढ़ाई होगी। इसी तरह परिसर में ही प्रबंधन संकाय के तहत एमबीए शुरू करने का निर्णय लिया गया। कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि परिसर में इन कोर्सेस के चलने से छात्रों को काफी फायदा होगा।
एक और नया कोर्स होगा शुरू
वहीं, वास्तुकला एवं योजना संकाय में एक नया कोर्स पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन जीओ इन्फॉरमेटिक्स शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी। इस कोर्स के तहत उत्तीर्ण छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा दिया जाएगा।
पीएचडी जमा करने की बढ़ेगी समय सीमा
पीएचडी जमा करने की समय सीमा बढ़ाने पर भी निर्णय लिया गया। बैठक में कुलसचिव नंदलाल सिंह, प्रति कुलपति प्रो. मनीष गौड़, वित्त अधिकारी जीपी सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. अनुराग त्रिपाठी, उपकुलसचिव डॉ. आरके सिंह, आईआईटी रूड़की के प्रो. बीआर गुर्जर, बीआईईटी झांसी के प्रो. पुलक मोहन त्रिपाठी, आरआईसी आजमगढ़ के निदेशक प्रो. विपिन त्रिपाठी, आरआईसी सोनभद्र के निदेशक प्रो. जीएस तोमर, इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज गाजियाबाद के निदेशक प्रो. अजय कुमार, नारायणा कॉलेज कानपुर के प्रो. शैलेंद्र चतुर्वेदी मौजूद रहे।
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