LUCKNOW UNIVERSITY: बिसलेरी के महाप्रबंधक दीपक चंगा छात्रों के विचारों में बो रहे कामगारों को उचित वेतनमान न देने के बीज, सोचिए क्या होगा भविष्य
लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की गूगल मीट के तहत आयोजित की गई मासिक शोध संगोष्ठी। इस मौके पर बिसलेरी के महाप्रबंधक ने छात्रों को मानव संसाधन प्रबंधन टीम की उपयोगिता के बारे में भी बताया।
लखनऊ। वर्तमान समय में महंगाई तो बढ़ती जा रही है, लेकिन प्राइवेट कम्पनियां कामगारों का वेतन नहीं बढ़ा रही हैं। ऐसे में कामगारों को दो वक्त की रोटी तक का जुगाड़ करने में लाले पड़ रहे हैं। दूसरे बिसलेरी के महाप्रबंधक नई पीढ़ी में ऐसे विचारों के बीज रोपित कर रहे हैं, जिससे आने वाले समय में कामगारों का और शोषण बढ़ने वाला है। चलिए एक बार मान लिया कि यह प्रबंधन का विषय है, लेकिन यह कहां की शिक्षा है कि भला कामगारों को उचित वेतनमान भी न देना पड़े और उनसे जमकर काम भी करा लिया जाए। अब सोचिए इस तरह के विचार से भारत का भविष्य क्या होगा। इस तरह की खबरें प्राइवेट कम्पनियों के असली चेहरे व वर्कर के खिलाफ उनकी सोच को सामने लाती हैं।
बता दें कि बुधवार (29 सितम्बर 2021) को लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के द्वारा गूगल मीट के तहत मासिक शोध संगोष्ठी श्रृंखला का आयोजन किया गया था। इस मौके पर बतौर मुख्य वक्ता बिसलेरी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक, दीपक चंगा मौजूद रहे और विद्यार्थियों को प्रतिभा प्रबंधन के साथ ही कामगारों के उचित वेतन मान के महत्व पर भी बल देते हुए कहा कि हमें कामगारों को अत्याधिक वेतन नहीं देना है, परंतु हमें यह ध्यान रखना है कि स्मार्ट हायरिंग, कार्य संस्कृति और लाभों का इष्टतम संयोजन हो, जिससे आपके कर्मचारियों को कार्य करने में आनंद आए साथ ही साथ वह अपने कार्य और आपकी कंपनी से प्रेम करें। संगोष्ठी का विषय “जेन वाई और जेन जी के लिए प्रतिभा प्रबंधन और प्रतिधारण रणनीति” रखा गया, जिसमें दीपक चंगा ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा की पहचान करना और फिर उसे बनाए रखना आज एक नियोक्ता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। इसी के साथ उसकी महत्ता पर बल देते हुए उससे जुड़े आवश्यक उपकरणों, रणनीति और मानव संसाधन प्रबंधन टीम की उपयोगिता के बारे में भी जानकारी दी। प्रतिधारण रणनीति विषय पर उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि ऐसा प्रेरित कार्यबल बनाएं जो कि लंबे समय तक नौकरी में रहे और कंपनी के लिए लाभप्रद कर्मचारी बने, लेकिन उचित वेतनमान न देना पड़े। हालांकि बाद में विवि से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा गया कि जिसमें चंगा द्वारा यह बात कही गई है, वह गलती से लिख गई है। चंगा ने विद्यार्थियों को कम वेतन देने की बात नहीं कही। इस मौके पर उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए। रूप से कला संकाय के डीन और मनोविज्ञान विभाग की प्रमुख, प्रो. शशि शुक्ला, मनोविज्ञान विभाग की समन्वयक डॉ. अर्चना शुक्ला, प्रो. मधुरिमा प्रधान, डॉ. मेघा सिंह एवं छात्र उपस्थित रहे।
बोतलबंद बाजार में 60 प्रतिशत है बिसलेरी की हिस्सेदारी
बता दें कि बिसलरी भारत में बोतलबंद पानी का एक जाना-माना ब्रांड है। गूगल से मिली जानकारी के मुताबिक इसकी भारत में पैक किये हुए बोतल बंद पेय जल के बाज़ार में 60% की हिस्सेदारी है। इसका संचालन भारत के सम्पूर्ण उपमहाद्वीप में होता है और यह भारत में बोतलबंद पानी की आपूर्ति करने वाली प्रमुख कंपनियों में से यह एक है। 2007 तक पूरे भारत में बिसलरी के आठ संयंत्र और 11 फ्रेंचाइजी बन चुके हैं।