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RSS के शैक्षणिक विंग राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की मांग को BSA कानपुर ने नहीं दी तवज्जो, सरकार द्वारा दिए गए ग्रीष्मावकाश में भी शिक्षकों को लगा दिया काम पर, देखें क्या कहा बीएसए ने
कानपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के शैक्षणिक विंग राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (RSM) कानपुर को जिला बेसिक शिक्षाधिकारी (BSA) कानपुर नगर पवन तिवारी जरा भी तवज्जो नहीं दे रहे हैं। शिक्षकों के हित में की गई मांग को उन्होंने नजरअंदाज करते हुए गर्मी की छुट्टी में भी काम पर लगा रखा है। जबकि अन्य जनपदों में शिक्षकों से अगर कार्य कराया जा रहा है तो उसके बदले में उपार्जित अवकाश दिया जा रहा है।
बता दें कि सरकार द्वारा दिए जा रहे ग्रीष्मावकाश में भी शिक्षकों से स्कूलों के कार्य कराने को लेकर कानपुर के शिक्षकों में रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि अगर जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को काम ही कराना है तो फिर ग्रीष्मकालीन अवकाश दिया ही क्यों, ये तो सिर्फ नाम का है। इस पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पदाधिकारियों ने मांग की थी कि ग्रीष्मावकाश में शासकीय कार्य के लिए शिक्षकों को उपार्जित अवकाश दिया जाए।
मांग में ये बात कही गई है कि अन्य जिलों में सरकार द्वारा घोषित ग्रीष्मावकाश में अगर कार्य कराया जा रहा है तो उसके बदले में उपार्जित अवकाश दिया जा रहा है। यह मांग रखते हुए शिक्षकों ने उपार्जित अवकाश दिए जाने की मांग की थी। यह मांग एक जून को की गई है। इस पर जहां बीएसए पवन तिवारी का ये कहना है कि उनको कोई मांग पत्र नहीं मिला है तो वहीं शिक्षकों का कहना है कि मांग पत्र कार्यालय में रिसीव कर लिया गया है। फिलहाल बता दें कि 16 जून से सभी सरकारी विद्यालय खुल रहे हैं, जो कि 20 मई को बंद हुए थे।
देखें बीएसए ने क्या जारी किया है आदेश वहीं 20 मई को एक आदेश बीएसए पवन तिवारी द्वारा जारी किया गया है, जिसमें लिखा गया है कि कोई भी शिक्षक ग्रीष्मकालीन अवकाश में विभाग की अनुमति के बिना अपना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे और मोबाइल भी बंद नहीं रहेगा। इसी के साथ प्रधानाध्यापकों को आदेश दिया गया था कि ग्रीष्मावकाश के दौरान भी हफ्ते में एक दिन विद्यालय में जाकर ये जरूर चेक करें, कि स्कूल में सभी सामान सुरक्षित रखा है या नहीं। इसी के साथ यह भी निर्देश दिया गया था कि सभी सहायक अध्यापक डीबीटी के कार्य में अपने प्रधानाध्यापक का सहयोग करें।
देखें क्या बोले बीएसए इस सम्बंध में जब बीएसए पवन तिवारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शिक्षकों से कोई काम ग्रीष्मावकाश के दौरान नहीं कराया जा रहा है। केवल बैंक खाता खोलने के लिए कहा गया था। दूसरे मुझे राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का कोई मांग पत्र नहीं मिला है।