यूपी बोर्ड में लगा दिए गए बेसिक स्कूलों के शत-प्रतिशत प्रधानाध्यापक व सहायक आध्यापक, बंदी की कगार पर पहुंचे प्रदेश भर के स्कूल, 22 से शुरू है परीक्षाएं

March 21, 2022 by No Comments

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लखनऊ। माध्यमिक की बोर्ड परीक्षा को अच्छी तरह से कराने के लिए आलाअधिकारियों ने बेसिक शिक्षा के बच्चों की जरा भी परवाह नहीं की और 100 प्रतिशत सहायक अध्यापकों व प्रधानाध्यापकों को यूपी बोर्ड की परीक्षा में लगा दिया। इस तरह पूरे स्कूल की जिम्मेदारी शिक्षा मित्रों पर आ गई है, लेकिन सालों से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे तमाम परिषदीय स्कूलों में शिक्षा मित्र भी नहीं हैं, ऐसे में सैकड़ों स्कूलों में ताला लटकने की नौबत आ गई है। ये सब उस वक्त हुआ है, जब कि 22 मार्च से पूरे प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं, तो वहीं माध्यमिक बोर्ड की परीक्षा 24 मार्च से शुरू है।

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इस सम्बंध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जिला संयोजक चंद्र दीप सिंह ने दावा किया कि अगर केवल कानपुर के परिषदीय स्कूलों की स्थिति पर नजर डाला जाए तो इस जिले में शत प्रतिशत प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों को यूपी बोर्ड की ड्यूटी में लगा दिया गया है और स्कूलों को शिक्षामित्रों के भरोसे छोड़ दिया गया है। ऐसे में तमाम स्कूल ऐसे भी हैं, जहां एक या फिर दो शिक्षामित्र हैं तो वहीं सैकड़ों स्कूल ऐसे हैं जिसमें शिक्षामित्र तैनात ही नहीं है वे केवल एक सहायक अध्यापक के भरोसे ही चल रहे हैं।

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ऐसे में इन स्कूलों को बंद हो जाएंगे। जबकि 22 मार्च से परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। अगर ऐसी स्थिति में शिक्षक चाहे कि परीक्षा ड्यूटी के बाद स्कूल खोल ले तो वो भी सम्भव नहीं दिखाई दे रहा है, क्योंकि परीक्षा ड्यूटी 70 से 80 किलोमीटर की दूरी पर लगाई गई है। मसलन अगर बिल्हौर के स्कूल में शिक्षक तैनात हैं तो उनकी ड्यूटी श्यामनगर में लगा दी गई है। कानपुर जिला तो केवल उदाहरण मात्र है। ऐसी ही स्थिति पूरे प्रदेश में देखने को मिल रही है और शिक्षकों में रोष व्याप्त हो गया है। शिक्षकों का कहना है कि अगर ड्यूटी लगानी ही थी तो पास के स्कूलों में लगाते, या फिर पहले की तरह 10 प्रतिशत शिक्षकों को ड्यूटी में लगाना चाहिए था, इससे परिषदीय के बच्चों की पढ़ाई भी डिस्टर्ब नहीं होती। बता दें कि अभी तो बेसिक के स्कूल सुबह 9 बजे से खुल रहे हैं लेकिन एक अप्रैल से इनका समय सुबह 8 बजे से 2 बजे हो जाएगा।

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