KANPUR: सामान्य यात्री बन बस में बैठे कमिश्नर राज शेखर और सस्पेंड कर दिए 14 ड्राइवर, 13 कंडक्टर, देखें वीडियो
कानपुर। कानपुर में सिटी बस परिवहन की सेवा की जमीनी हकीकत जानने के लिए सामान्य यात्री बन कर सफर करने निकले कमिश्नर राज शेखर तो ये देखकर चौंक गए कि उनके बस कन्डेक्टर और ड्राइवर यात्रियों से पैसे तो ले रहे हैं, लेकिन टिकट किसी को नहीं दे रहे हैं। फिर होना क्या था, उन्होंने तत्काल प्रभाव से 14 ड्राइवर और 13 कंडक्टर को सस्पेंड कर दिया और शहर में बसों के हालात सुधारने के कड़े निर्देश दिए। इसी के साथ बस सेवाओं की बेहतरी के लिए सिटी बस निगम की एक उच्च स्तरीय बैठक 9 सितंबर को कमिश्नर ने बुलाई है।
बता दें कि कमिश्नर गुरुवार सुबह ही बसों का हाल जानने के लिए निकल पड़े थे। यात्रियों के बीच सफर कर रहे अपने अधिकारी को ड्राइवर व कंडक्टर तक पहचान नहीं सके। हालांकि कोरोना को देखते हुए उन्होंने मास्क लगा रखा था। पीली टीशर्ट पहने कमिश्नर चुपचाप कन्डकटरों की हरकत देखते रहे। इस सम्बंध में उन्होंने खुद ट्वीट करते हुए लिखा है कि एक सामान्य यात्री के रूप में सिटी बस सेवाओं की “ग्राउंड रियलिटी चेक”। यह जमीनी स्थिति का प्रत्यक्ष अनुभव और एक्सपोजर देता है ताकि लोक सेवाओं में सुधार के लिए बेहतर रणनीति की योजना बनाई जा सके। प्रमुख कमियों के लिए जिम्मेदार सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जा रही है। उम्मीद है कि चीजें जल्द ही बेहतर स्थिति में होंगी। इस तरह उन्होंने दोषी 14 ड्राइवर और 13 कंडक्टर को सस्पेंड कर दिया।
शहर की बस सेवा सुधारने को ये लिए गए हैं निर्णय
बता दें कि कमिश्नर ने शहर में सिटी बस परिवहन की सेवाओं की स्थिति को सुधारने के लिए औचक निरीक्षण की शुरूआत की है। इसी के साथ कमिश्नर ने बसों की बेतरतीब ढंग से सेवा की स्थलीय जांच करने के लिए 6 वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम का गठन भी किया है। इसी क्रम में उन्होंने गुरुवार को 12 बसों की औचक जांच की, जिसमें दोषी पाए गए कर्मचारियों को निलम्बित कर दिया।
देखिए शहर के किन मोहल्लों तक बस के गए कमिश्नर
कमिश्नर सुबर से ही बस का हाल जानने के लिए निकल गए थे। इसके तहत हो बसों में सामान्य यात्री बन कर यात्रा कीऔर हर्ष नगर से चुन्नीगंज तक गए तो दूसरा सफर रावतपुर से हर्ष नगर तक किया। इस दौरान उनको जाम का भी सामना करना पड़ा।
ये मिली खामियां
कमिश्नर ने यात्रा के दौरान देखा कि दोनों बसों में चालक और कंडक्टर ने निर्धारित पोशाक/वर्दी नहीं पहनी हुई थी और मास्क भी नहीं लगाए थे। बसों में फर्स्ट एड बॉक्स उपलब्ध नहीं था। दोनों बसों में एलईडी डिस्प्ले बोर्ड काम नहीं कर रहा था। बसों का सामान्य रखरखाव खराब स्थिति में था। एक मामले में यह पाया गया कि कंडक्टर ने टिकट के लिए एक यात्री से पैसे लिए, लेकिन यात्री को टिकट जारी नहीं किया। इसी के साथ यात्रियों को भी बगैर मास्क के पाया और कंडक्टर ने उन्हें मास्क पहनने की कोई सलाह नहीं दी। इसके साथ ही 6 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम (मंडल स्तर के अधिकारी) ने 12 बसों का औचक निरीक्षण किया और वही सब कमियां पाई जो कमिश्नर को मिली।
“Ground Reality Check” of City Bus services as a General Passenger.
It gives immense first hand experience & exposure of Ground situation so that Better strategy can be planned for Improvement of Public Services.@CMOfficeUP@ChiefSecyUP@NagarVikasUP pic.twitter.com/HlQhAFmQpF
— Raj Shekhar IAS (@rajiasup) September 2, 2021
इन लोगों पर हुई कार्यवाही
सभी 13 कंडक्टरों व 14 ड्राइवरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए। साथ ही लापरवाही और खराब प्रवर्तन के लिए “प्रवर्तन दल” के सभी सदस्यों के खिलाफ विभागीय जांच के भी निर्देश दिए। साथ ही निजी एजेंसी को कारण बताओ नोटिस (जो बसों का रखरखाव करता है और ड्राइवर प्रदान करता है) जारी किया। बसों के खराब रखरखाव और खराब पर्यवेक्षण और ड्राइवरों पर प्रभावी नियंत्रण न रखने के लिए ब्लैक लिस्ट करने के नोटिस देने के भी आदेश दिए। लापरवाही और खराब पर्यवेक्षण के लिए एआरएम (सिटी बस सेवाएं) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।