Covid-19: चीन की लैब से लीक हुआ था कोरोना वायरस…! क्या चल सकता है हत्या का मुकदमा? अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट ने चौंकाया

January 29, 2025 by No Comments

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Covid-19: कोराना वायरस ने पूरी दुनिया में किस तरह से तबाही मचाई थी, उसके दिए घाव आज भी लोगों के दिलो-दिमाग पर ताजा है. जरा सा भी उन दिनों के बारे में अगर मन में ख्याल आता है तो पूरी तरह से रूह सिहर उठती है. दुनिया भर के तमाम हिस्सों से लाशें ही लाशें दिखाई दे रही थीं. न जाने कितने ही परिवारों ने इस महामारी में अपनों को खो दिया था तो वहीं न जाने कितने ही लोग आज भी कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद भी पूरी तरह से स्वस्थ्य नहीं हो सके हैं. बहुत लोग ऐसे हैं कि संक्रमण की वजह से उनकी सूंघने की क्षमता चली गई तो आज भी वापस नहीं आई.

इस महामारी ने दुनिया भर के लोगों को झकझोर कर रख दिया था और लोग हमेशा से ही इस सवाल को तलाशते रहे कि आखिर ये वायरस आया कहां से? हालांकि हमेशा से ही चीन की तरफ शक की उंगली उठती रही क्योंकि दुनिया में सबसे पहले यहीं से कोरोना वायरस से लोग बीमार होना शुरू हुए थे. अब अमेरिका की खूफिया एजेंसी की एक रिपोर्ट सामने आई है. इसके बाद सवाल ये खड़ा हो रहा है कि अगर चीन की लैब से ये वायरस बाहर आया तो क्या उस पर हत्या का मुकदमा चल सकता है?

रिसर्च के दौरान फैलने की आशंका

सोशल मीडिया पर वायरल खबरों के मुताबिक, अमेरिकी खुफ़िया एजेंसी सीआईए (CIA) ने कोविड महामारी के फैलने पर एक नया आंकलन जारी किया है औऱ दावा करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस का जानवरों की बजाय चीनी प्रयोगशाला से लीक होने की अधिक आशंका है. सीआईए के प्रवक्ता का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने कहा है कि जो रिपोर्ट उपलब्ध की गई है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि महामारी के प्राकृतिक तौर पर फैलने की अपेक्षा रिसर्च के दौरान फैलने की आशंका ज़्यादा है. तो दूसरी ओर चीन इस दावे पर पहले से आपत्ति जता रहा है. इस वायरस के फैलने के समय ही जब चीन पर आरोप लगे थे तो उसने कहा था कि कोरोना वायरस लैब से नहीं आया है. इसी के साथ ही चीन ने आरोप लगाते हुए कहा था कि अमेरिकी सरकार और पश्चिमी मीडिया कोरोना के सोर्स को लेकर अफ़वाहें फैलाने का काम कर रहे हैं.

इंटरनेशनल कोर्ट का कर सकते हैं रुख

बता दें कि अगर कोई भी देश सबूतों के साथ चीन को कोरोना वायरस फैलाने के लिए दोषी ठहराता है और इंटरनेशनल कोर्ट में इस मुद्दे को उठाता है तो इस पर सुनवाई हो सकती है. क्योंकि इस वायरस से असमय करोड़ों लोगों की मौत हुई थी और पूरी दुनिया ने इस जहरीले दंश को झेला था. इस वजह से करोड़ों लोगों की मौत को लेकर चीन के ऊपर हत्या का केस लेकर अगर कोई देश इंटरनेशनल कोर्ट जाता है और सबूत पेश करता है तो इसके बाद इंटरनेशनल कोर्ट के जस्टिस तय करेंगे कि मुकदमा चल सकता है या नहीं.

जानें क्या है इंटरनेशनल कोर्ट

मालूम हो कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस संयुक्त राष्ट्र का महत्वपूर्ण न्यायिक अंग है. संयुक्त राष्ट्र के न्यायालय में 15 न्यायाधीश हैं, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा नौ साल के लिए चुने जाते हैं. इसकी स्थापना हॉलैंड के शहर हेग में 1945 में की गई थी. उल्लेखनीय है कि कुलभूषण जाधव के केस में भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की ही रुख किया था.

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