लोहिया संस्थान के तुगलकी फरमान को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया निरस्त, चिकित्सा अधीक्षक ने कहा ये केवल स्वघोषित मीडियाकर्मियों के लिए था, पढ़ें आर्डर
लखनऊ। डा. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के तुगलकी फरमान को चिकित्सामंत्री, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निरस्त कर दिया है। इस सम्बंध में उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मैंने निदेशक लोहिया संस्थान, लखनऊ को मीडिया पर लगे प्रतिबंध के आर्डर को तत्काल निरस्त कर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए दूरभाष से निर्देश दिए थे। इस सम्बंध में संस्थान की ओर से स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हुए मीडिया पर लगे प्रतिबंध के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
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इस सम्बंध में चिकित्सा अधीक्षक डा. विक्रम सिंह द्वारा एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें लिखा गया है कि मीडिया ने हमेशा ही डा. लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की उपलब्धियों, सुविधाओं, शोधों और सामान्य कार्यकलापों के बारे में सराहनीय़ रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस वजह से संस्थान का नाम देश भर में विख्यात हुआ है। ऐसे में उन्हीं पत्रकारों को कवरेज करने के लिए अनुमति का प्रावधान करना संस्थान, मरीज, तीमारदार और समाज व लोकहित में नहीं है। इसी के साथ कहा है कि जो आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें संस्थान के अंदर प्रवेश में मीडियाकर्मियों को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है, वो केवल स्वघोषित मीडियाकर्मियों के लिए था, लेकिन अब इसे भी निरस्त किया जाता है। यहां बता दें कि जो कि आदेश 30 अप्रैल 2022 को लोहिया संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा जारी किया गया था, उसमें ये कहीं भी नहीं लिखा था कि यह आदेश केवल स्वघोषित मीडियाकर्मियों के लिए है। फिलहाल 4 मई को एक दूसरा आदेश जारी करते हुए उन्होंने खेद प्रकट किया है और संस्थान में प्रवेश को लेकर लगाई गई रोक को निरस्त कर दिया है।
जानें क्या था लोहिया संस्थान का तुगलकी फरमान
30 अप्रैल को लोहिया संस्थान की ओर से मीडिया के लिए एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें लिखा था कि संस्थान में अब बिना अनुमति के कोई भी मीडिया कर्मी संस्थान के अंदर कवरेज़ के लिए प्रवेश नहीं कर सकेगा। यह आदेश 3 मई को सोशल मीडिया पर जब वायरल हुआ तो चिकित्सा अधीक्षक की जमकर फजीहत हुई और फिर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के संज्ञान में आने के तुरंत बाद ही इस आदेश को निरस्त कर दिया गया।
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