लाइसेंसी पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, धमाकों से दहला इलाका, अग्नि सुरक्षा उपकरण न मिलने पर खड़े हुए सवाल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोसाईगंज स्थित अमेठी कस्बे के बाहर एक खेत में बने कमरे में चल रही पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद भीषण आग लग गई। मंगलवार दोपहर हुई इस घटना के बाद एक के बाद एक कई हुए धमाकों से पूरा इलाका दहल गया। धमाके इतने शक्तिशाली थे कि कमरे की छत तक उड़ कर दूर गिरी। घटना से पूरे गांव में दहशत फैल गई। आनन-फानन में ग्रामीणों ने पानी फेंक-फेककर आग पर काबू पाया। बता दें कि फैक्ट्री में किसी तरह के अग्नि सुरक्षा के उपकरण नहीं मिले।
फैक्ट्री से सीधे बिक्री भी की जा रही थी
मिली जानकारी के मुताबिक अमेठी कस्बे से मोहम्मदाबाद मार्ग पर अमेठी निवासी आतिशबाज रेहान की खेत में एक पटाखा फैक्ट्री है। फैक्ट्री में पटाखे तो बनते ही थे , साथ में यहां से पटाखों की बिक्री भी की जाती थी। मंगलवार की दोपहर रेहान की मौजूदगी में मजदूर बाहर खाना बना रहे थे, कि तभी अचानक कमरे में ताबड़तोड़ धमाके शुरू हो गए। कमरे के ऊपर रखा टीन शेड उड़ गया। इसके बाद कमरे से भीषण धुंआ और आग निकलने लगी। आनन-फानन में रेहान मजदूरों के साथ कमरे के बाहर बने हौद से पानी निकाल कर फेंकने लगे। सूचना पर नगर पंचायत से पानी का टैंकर भेजा गया। कड़ी मशक्कत के बाद कुछ देर में आग पर काबू पा लिया गया। घटना से आस-पास के लोग इकठ्ठा हो गए। जानकारी होने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इंस्पेक्टर गोसाईगंज अमरनाथ वर्मा ने बताया कि रेहान के पास पटाखा बनाने और बिक्री का लाइसेंस है, जो कि 2023 तक मान्य है। बरसात में भीगे हुए पटाखे कमरे और बरामदे में सुखाए जा रहे थे। इसी दौरान एकाएक विस्फोट हुआ। फिलहाल घटना की जांच की जा रही है। विस्फोट के अलावा फैक्ट्री के मानकों की जांच का जिम्मा फायर विभाग को सौंपा गया है।
लाइसेंस तो मिला लेकिन अग्नि सुरक्षा के उपकरण नहीं मिले
बता दें कि पटाखा फैक्ट्री का काम अत्यधिक संवेदनशील होता है। जरा सी लापरवाही एक बड़े हादसे में तब्दील हो सकती है और कई लोगों की जान भी ले सकती है। रेहान ने फैक्ट्री का लाइसेंस तो ले लिया लेकिन सालों से वह एक कमरे में बिना किसी अग्नि सुरक्षा उपकरणों के पटाखा फैक्ट्री चला रहा था। जबकि लाइसेंस तभी मिलता है, जब फैक्ट्री मानकों पर खरी उतरती है। एक कमरे में पटाखा फैक्ट्री चलाने के नाम पर रेहान को कैसे लाइसेंस मिल गया, दूसरे अग्नि सुरक्षा के उपकरण भी नहीं मिले। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर कैस इतने सालों से ये फैक्ट्री संचालित हो रही थी। पुलिस और फायर विभाग ने बिना अग्नि सुरक्षा के चल रही इस फैक्ट्री पर अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की।