Halal Dating: आखिर क्यों चर्चा में है हलाल डेटिंग? जानें क्या है इसके नियम और पाबंदियां
Halal Dating: इन दिनों इस्लाम धर्म के एक नियम “हलाल डेटिंग” को लेकर काफी चर्चा हो रही है. मान्यता है कि इस्लाम धर्म में जिन चीजों को करना जायज ठहराया गया है. उन्हें हलाल कहा जाता है और जिन चीजों की करने के लिए मना किया गया है उन्हें हराम कहा जाता है. फिलहाल माना जाता है कि इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग हलाल चीजों को लेकर ही आगे बढ़ते हैं और इसी के साथ अपनी जिंदगी बिताना पसंद करते हैं. इसी तरह डेटिंग को भी इस्लाम में हराम माना गया है लेकिन इन दिनों हलाल डेटिंग को लेकर मान्यता अलग है. तो इस लेख में जानें कि आखिर क्या है यह हलाल डेटिंग…
पहले जानें क्या है डेटिंग ?
आजकल प्रेमी और प्रेमिका के बीच डेटिंग करना एक आम बात हो गई है. इसका अर्थ होता है कि लड़का या लड़की आपस में अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहते हैं. इसका मतलब ये है कि किसी को डेट करना उसके साथ रिश्ते को आगे बढ़ाने की शुरुआत मानी जाती है. डेटिंग के जरिए शादी करने के इच्छुक लड़का-लड़की एक दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं. अगर दो लोगों को लगता है कि दोनों एक दूसरे के लिए बने हैं. तो यह डेटिंग आगे चलकर रिश्ते में बदल जाती है. हालांकि डेटिंग का एक अलग भी पहलु है, बहुत से लोग सिर्फ रिश्ते के लिए ही डेटिंग नहीं करते. डेटिंग कर रहे कपल साथ घूमते हैं. फिल्में देखने जाते हैं. डिनर करने जाते हैं यहां तक की शादी के बाद जिस काम को जायज ठहराया गया है उसे वह शादी से पहले डेटिंग के दौरान भी कर लेते हैं. मसलन बहुत से लड़का-लड़की डेटिंग के दौरान केवल प्यार-मोहब्बत की बातें करने के बजाय शारीरिक सम्बंध तक बना लेते हैं.
अब जानें क्या है हलाल डेटिंग?
मीडिया सूत्रों के मुताबिक हलाल डेटिंग में फिलहाल जो डेटिंग शब्द जुड़ा है उसे सामान्य डेटिंग की तरह ही समझ सकते हैं लेकिन इसमें फर्क ये होता है कि दो लोगों यानी लड़का-लड़की का मिलना थोड़ा अलग होता है. नॉर्मल डेटिंग की तरह इसमें दो लोग मिलते हैं. बातचीत करते हैं. घूमते हैं, खाना भी खाने जाते हैं. बस इस दौरान वह एक दूसरे के साथ शारीरिक सम्बंध नहीं बनाते हैं यानी एक-दूसरे को छूते भी नहीं हैं. जबकि सामान डेटिंग में हाथ मिलाते हैं लोग, गले मिलते हैं लेकिन हलाल डेटिंग में इस तरह की कोई बात लड़का-लड़की नहीं करते हैं. हालाकि हलाल डेटिंग भी इसीलिए की जाती है कि लड़का-लड़की एक दूसरे को समझ लें और फिर उनका निकाह करा दिया जाए.
हलाल डेटिंग के दौरान इन चीजों पर लगी है पाबंदी
इस्लाम धर्म के नियम के मुताबिक हलाल डेटिंग को बनाया गया है. इसमें जब दो लोग मिलते हैं. तो मिलने से पहले दोनों लोगों (लड़का-लड़की) को अपने परिवार वालों को इस बात की जानकारी देते हैं. हलाल डेटिंग सिर्फ इसलिए नहीं होती कि बस डेटिंग की और छोड़ दिया यानी शादी नहीं की. बल्कि हलाल डेटिंग निकाह के उद्देश्य से ही की जाती है.
हलाल डेटिंग में जरूरी है कि कोई परिवार का सदस्य साथ होगा
सामान्य डेटिंग में जहां लोगों को प्राइवेसी चाहिए होती है. यानी लड़का और लड़की के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति नहीं होता है तो वहीं हलाल डेटिंग में ऐसा नहीं है. यहां पर कपल खुली जगह पर मिलते हैं. अगर होटल की किसी रूम में मिलने जा रहे हैं तो परिवार का कोई अन्य सदस्य साथ होना जरूरी है. हलाल डेटिंग को ऑनलाइन भी निभाया जाता है. हालांकि इस दौरान भी घर का कोई सदस्य साथ होता है. गौरतलब है कि सामान्य डेटिंग की तरह ही सोशल मीडिया पर हलाल डेटिंग के लिए भी कई सारे ऐप्स उपलब्ध हैं, जिसकी लोग मदद लेते हैं.