पहले आपदा ने छीन लिया घर और अब आतंकी मुठभेड़ ने बेटा…रूला देगी 90 साल की मां की ये दर्दभरी कहानी;पत्नी ने दी इस तरह विदाई, Video देखने वालों के बह निकले आंसू
Kishtwar Encounter: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकी मुठभेड़ में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के बल्ह उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत छम्यार के बरनोग गांव के 42 वर्षीय नायब सूबेदार राकेश कुमार के शहीद होने के बाद से उनके घर पर मातम पसरा हुआ है. मंगलवार यानी आज उनका अंतिम संस्कार हुआ.
इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पत्नी ने भारत माता की जय के नारे लगाकर इस तरह से विदाई दी कि जिसने भी इस वीडियो को देखा उसकी आंखों से आंसू खुद ब खुद बह निकले. 90 साल की मां के साथ ही उनकी पत्नी भानू प्रिया का रो-रो कर बुरा हाल है. शहीद के अंतिम संस्कार के वक्त पूरा गांव उमड़ पड़ा. 7 साल का बेटा प्रणव और बेटी यशस्वी ठाकुर पिता को देखकर रोती रहीं.
किश्तवाड़ में देश के काम आने वाले बलिदानी राकेश कुमार की पत्नी वीर नारी भानु प्रिया जी ने मंडी के छम्यार में भारत माता की जय और जय हिंद का उद्घोष कर कर पति को अंतिम विदाई दी। #सैल्यूट#HimachalPradesh pic.twitter.com/zJg9htMoEY
— Navneet Sharma- नवनीत शर्मा (@nsharmajagran) November 12, 2024
आस-पड़ोस के लोगों का कहना है कि साल 2023 में मॉनसून सीजन में हुई भारी बारिश में यहां करीब 12 हजार मकानों को नुकसान पहुंचा था. इसी में नायब सूबेदार राकेश कुमार का भी घर शामिल था. पड़ोसियों ने बताया कि राकेश कुमार (Nayab Subedar Rakesh Kumar) आगले साल छुट्टी लेकर घर बनवाने के लिए आने वाले थे लेकिन इससे पहले ही वह शहीद हो गए.
90 साल की बूढ़ी मां भत्ती देवी से जहां एक तरफ भगवान ने पहले छत छीन ली तो वहीं अब आंचल भी सूना कर दिया है. भगवान को उनके ऊपर जरा सी भी दया नहीं आई. इतना कहकर पड़ोसियों की आंखें भी भर आती हैं. बता दें कि सोमवार को गांव में शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा था. वह इस दीपावली में घर आए थे और दिसम्बर के अंत में फिर से घर आने वाले थे ताकि घर का निर्माण करा सकें लेकिन अब राकेश कुमार कभी भी घर नहीं लौटेंगे.
भाई के साथ ही चला गया नए घर का सपना भी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शहीद राकेश कुमार और उनके भाई का 10 कमरों का मकान था जो कि साल 2023 में मानसून के दौरान आई भारी बारिश के बीच टूट गया था. इसके बाद से ही शहीद का परिवार किराए के मकान में रह रहा था और भाई पुराने मकान में रहते थे. शहीद राकेश कुमार के भाई कर्म सिंह ठाकुर ने मीडिया को जानकारी दी कि भाई अभी डेढ़ महीने पहले ही छुट्टियां लेकर आए थे और फिर ड्यूटी पर लौट गए थे. दिसंबर में फिर घर आकर जनवरी में नए घर का निर्माण शुरू कराने का वादा किया था. इतना कहते ही कर्म सिंह रो पड़ते हैं और कहते हैं कि भाई के शहीद होने के साथ ही नए घर का सपना भी टूट गया.
शहीद को मुहैया कराया जाए घर
ग्राम पंचायत छम्यार के उप-प्रधान रेलू राम ने सरकार और प्रशासन से मांग उठाई है कि शहीद के परिजनों को जल्द से जल्द घर की सुविधा मुहैया करवाई जाए. मालूम हो कि 28 जनवरी 1982 को राकेश कुमार का जन्म हुआ था और सेना में 23 साल पहले वह भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और पैरा कमांडो थे. हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राकेश कुमार की शहादत पर दुख जताया है और परिवार को सांत्वाना दी.
ये भी पढ़ें-Dev Uthani Ekadashi Katha: अकाल-मृत्यु से बचने के लिए देव उठनी एकादशी पर शाम को करें ये काम; पढ़ें कथा