Jama Masjid: जामा मस्जिद को हरि हर मंदिर होने का किया गया दावा, कोर्ट में पहुंचा मामला; सर्वे का आदेश, जानें कौन हैं विष्णु शंकर जैन?
Jama Masjid: मथुरा और काशी के बाद अब उत्तर प्रदेश के मध्य में स्थित संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया है कि ये हरिहर मंदिर है. इस दावे के बाद जिला अदालत ने शहर में स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दे दिया है. शाही मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने किया है और याचिका पर कोर्ट ने सर्वेक्षण के लिए निर्देश दिए हैं.
इस पूरे मामले को लेकर विष्णु शंकर जैन ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफार्म‘एक्स’ पर मंगलवार को जानकारी दी है और कहा है कि इस कथित मस्जिद को हरि हर मंदिर के नाम से भी जाना जाता था. विष्णु शंकर जैन ने लिखा, “आज सिविल कोर्ट संभल ने मेरी याचिका पर संभल में कथित जामी मस्जिद, जिसे हरि हर मंदिर के नाम से जाना जाता था, में एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सर्वेक्षण का निर्देश दिया है. 1529 में बाबर ने इस स्थान को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया. ऐसा माना जाता है कि कल्कि अवतार संभल में होगा.”
Today the Hon’ble Civil Court sambhal on my petition has directed survey by advocate commissioner in alleged jami masjid in sambhal which was known as hari har mandir. Babur partly demolished this place in 1529. It is believed that kalki avatar is to happen at sambhal.
— Vishnu Shankar Jain (@Vishnu_Jain1) November 19, 2024
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के संभल शहर के मध्य में जामा मस्जिद स्थित है. यह मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है. इसका निर्माण मुगल काल के दौरान किया गया था लेकिन इसके निर्माण का ठीक समय और अन्य विवरणों के बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है. हालांकि माना जाता है कि इसका निर्माण पूरे उत्तर भारत पर मुगल साम्राज्य के शासन के दौरान 16वीं शताब्दी के करीब किया गया था.
जानें कौन हैं विष्णु शंकर जैन?
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन लगातार हिंदू पक्ष की ओर से तमाम स्थलों पर मंदिर होने का दावा कर चुके हैं. वह वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन के बेटे हैं. विष्णु शंकर जैन अपने पिता की तरह ही वकालत कर रहे हैं. विष्णु शंकर जैन ने 2010 में बालाजी लॉ कॉलेज से डिग्री हासिल की थी. इसके बाद से पिता-पुत्र की जोड़ी श्रीकृष्ण जन्मभूमि, ज्ञानवापी शृंगार गौरी समेत 110 मामलों की पैरवी कर रही है. उन्होंने अपने वकालत करियर की शुरूआत विश्व प्रसिद्ध श्रीराम जन्मभूमि केस से की थी. गौरतलब है कि पिता-पुत्र की जोड़ी ने वर्शिप एक्ट और वक्फ एक्ट 1995 को भी चुनौती देते हुए कोर्ट में वाद दायर किए हुए हैं. तो वहीं 2021 में ज्ञानवापी मस्जिद, श्री कृष्ण जन्मभूमि, ताजमहल के पूर्व शिवमंदिर होने का दावा किया.
कई बार हुआ है पुननिर्माण
गौरतलब है कि कई बार जामा मस्जिद में पुननिर्माण का कार्य किया गया है तो वहीं कई बार मरम्मत भी की गई है लेकिन इसकी संरचना में कोई बदलाव नहीं आया है. तो वहीं ये जामा मस्जिद लगातार अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को बरकरार रखे हुए है व बड़ी संख्या में लोग इसे देखने के लिए आते हैं.
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