Kharmas Starting Date and Time: इस तारीख से शुरू हो रहा है खरमास…भूलकर भी न करें ये काम

December 12, 2023 by No Comments

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Kharmas 2023: आचार्य बताते हैं कि, ग्रहों के राजा सूर्य देव जब गुरु की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तो खरमास लगता है। फिर एक माह के बाद सूर्य जब मकर राशि में आते हैं तो खरमास समाप्त हो जाता है। बता दें कि हिंदू धर्म में खरमास के समय को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. माना जाता है कि इस दौरान मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं रहता.

आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि इस साल खरमास 16 दिसंबर 2023 से शुरू हो रहा है. इस दिन सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं और 15 जनवरी 2024 तक इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद जब 15 जनवरी 2024 को सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो इस दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इसके बाद फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। बता दें कि 16 दिसंबर 2023 की शाम 3 बजकर 58 मिनट पर सूर्य देव वृक्ष्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद से खरमास शुरू हो जाएगा और एक माह तक के लिए सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे।

इसलिए बंद रहते हैं मांगलिक कार्य
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सूर्य जब गुरु की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तो वह अपने गुरु की सेवा में लग जाते हैं। इस दौरान उनका प्रभाव कम हो जाता है, इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। मान्यता है कि कोई भी शुभकार्य करने पर उसमें किसी न किसी तरह की हानि हो जाती है. इसलिए इस दौरान शादी, मुंडन आदि सभी शुभ कार्य बंद रहते हैं.

खरमास में न करें ये काम
आचार्य कहते हैं कि खरमास के दौरा मांगलिक कार्यों की मनाही होती है, इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य न करें।
इस दौरान बेटी या बहू की विदाई नहीं करनी चाहिए। इसे करना शुभ नहीं माना जाता.
खरमास के दौरान के दिनों में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे संस्कारों के अलावा खरमास में नया वाहन, घर, प्लाट, रत्न-आभूषण और वस्त्र आदि नहीं खरीदना चाहिए।
साथ ही खरमास की अवधि के दौरान तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।

इस दौरान गाजर, मूली, तेल, चावल, तिल, बथुआ, मूंग, सोंठ और आंवला का सेवन नहीं करना चाहिए। इसको लेकर शास्त्रों में अलग-अलग मान्यता दी गई है.

करें ये कार्य
खरमास के दौरान पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन आदि करने की सलाह आचार्य देते हैं. शास्त्रों में दिया गया है कि इस दौरान श्रीमद्भागवत कथा और रामायण आदि सुनना चाहिए.

DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। किसी भी धार्मिक कार्य को करते वक्त मन को एकाग्र अवश्य रखें। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।